
गोगुन्दा उपखण्ड में राज्य सरकार की घर-घर औषधि योजना के तहत 37 हजार परिवार होंगे लाभान्वित
उदयपुर (कांतिलाल मांडोत) । वर्तमान जीवन सर्वाधिक अशांत है। संसार की मानवजाति शांति चाहती है। शांति की इस चाहना में उसने अनेक भ्रम पाल रखे है। यह विभ्रम उसे बाहर भटकाते है। यह बाहरी भटकन उसे और अधिक अशान्त बना देती है। बहिर्मुखी होकर जितना वह शांति को खोजता है उतना ही वह अशान्त हो जाता है। पर,शांति उसे नही मिलती। उसकी स्थिति तो उस मृग के समान है जो कस्तूरी को ढूंढने के लिए वन प्रान्तर भटकता है। वह इस तथ्य से बिलकुल अपरिचित है जिसको वह ढूंढ रहा है वह तो उसके नाभि में समाया हुआ है। मनुष्य जाति इन पिछले डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में जितनी दु:खी और अशान्त हुई उतनी पहले कभी नही हुई होगी।
कोरोना काल मे एक एक सांस के लिए मजबूर हुई मनुष्य आत्मा की कल्पना भी नही कर सकते है। यह काल महाकाल बनके असहाय लोगों पर टूट पड़ा। परिजनों को समय मिला और नही कुदरत ने मरने वालों को सांसे दी। लेकिन उस दौर में हमारे चिकित्सा अधिकारी,पुलिस प्रशासन और सरकारी विभाग के आला अधिकारियों ने राजधर्म निभाया है। वह स्वागतयोग्य है। मानव जाति को बचाने के लिए वन विभाग के आला अधिकारियों ने नर्सरियों में विविध प्रकार के पौंधे लगाकर लोगो को घर घर वितरण करने की योजनाओं को लागू किया गया है।

गोगुन्दा एसडीएमनीलम लखारा ने राज्य सरकार की घर -घर औषधि योजना के वितरण का बीड़ा उठाया है। कालमेघ,अश्वगंधा, नीम, गिलोय और तुलसी के पौंधे लगाकर गोगुन्दा वन विभाग और सायरा वन विभाग के अधिकारियों ने उत्साहवर्धक कार्य किया है। कोरोना वायरस की बीमारी को काटने की पूर्ण क्षमता इन पौधों में विधमान है और केंसर जैसी बीमारी में भी फायदा देने वाले पोधो को नर्सरी में उगाया है। कालमेघ को बुखार के लिए रामबाण दवा माना जाता है।इ समें ओषधीय महत्व है। नीम और गिलोय जिस पेड़ का आधार बनाती है उसका गुण भी उसमे आ जाता है। मनुष्य की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काम आती है। कोरोना की इस महामारी में भी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए चिकित्सा विभाग लोगो को सलाह दे रहे है। गोगुन्दा वन विभाग ने करीब तीन लाख पौधे लगाकर घर घर औषधि योजना के तहत फलदार पौधे तैयार किए है।
सायरा क्षेत्रीय वन अधिकारी मानवेन्द्र सिंह ने बताया कि कोरोना को मात देने के लिए नर्सरी में अश्वगंधा,नीम गिलोय, कालमेघ, नीम और तुलसी सहित फलदार पौधे तैयार किए है। उन्होंने कहा कि एक परिवार को आठ पौधे वितरण किए जाएंगे। उधर गोगुन्दा के नरपतसिंह सोनगरा के देखरेख में राज्य सरकार द्वारा चलाया जा रहा घर घर ओषधि योजना के तहत मौकेला, नया गुड़ा और गौतमेश्वर महादेव की नर्सरी में करीब एक लाख 65 हजार पौंधे और सायरा में जोरमा,बरवाड़ा और कमोल की नर्सरी में एक लाख 35 हजार औषधीय पौधे लगाए जा चुके है। जिसका वितरण उपखण्ड क्षेत्र के 37 हजार परिवारों में किया जायेगा।



