सूरत में 40 बहनों ने 11,111 वर्ग फीट क्षेत्र में बनाई सबसे बड़ी श्रीराम रंगोली को एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान मिला
इस अलौकिक श्रीराम रंगोली ने देश-विदेश में काफी लोकप्रियता हासिल की थी
सूरत : कला के क्षेत्र में सूरत में एक और रिकॉर्ड बना है। अयोध्या में भव्य राममंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले सूरत में 19 जनवरी, 2024 को कतारगाम कम्युनिटी हॉल में 11,111 स्वेयर फीट के क्षेत्र में एक आकर्षक और शानदार सबसे बड़ी श्रीराम रंगोली बनाई गई थी। सूरत के लिए यह गर्व की बात है कि, इस श्रीराम रंगोली को एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह मिली है।
इस अलौकिक श्रीराम रंगोली ने देश-विदेश में काफी लोकप्रियता हासिल की थी। 40 बहनों ने लगातार 12 घंटे की मेहनत से 1400 किलो रंगों से रियलिस्टिक श्री राम रंगोली में भव्य रामदरबार सजाया था। यह भव्य रंगोली कार्यक्रम मेहंदी आर्टिस्ट निमिषाबेन पारेख के मार्गदर्शन में उनके द्वारा आयोजित किया गया था।
कल सूरत में आयोजित एक कार्यक्रम में पूर्व कपड़ा एवं रेल राज्य मंत्री दर्शनाबेन जरदोश ने नयनाबेन कात्रोडिया-कलार्पण आर्ट ग्रुप एवं मोटा मंदिर युवक मंडल के सहयोग से बनाई गई श्रीराम रंगोली के लिए उन्हें एवं 40 बहनों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
नयनाबेन कात्रोडिया और निमिषाबेन पारेख ने बताया कि, संस्था से जुड़ी 40 बहनों ने सुबह 5 से शाम 5 बजे तक लगातार 12 घंटे मेहनत कर इस डिजाइनर रंगोली को धार्मिक भावना के साथ आस्था और भक्ति के रंगों से सजाया था। इस रंगोली में राम सेतु, भगवान श्री राम, माता सीता, लक्ष्मण, हनुमानजी, रामसेतु निर्माण आदि पात्रों की छवि को शानदार सजावट के साथ खूबसूरती से प्रस्तुत किया गया था। अयोध्या में निर्मित भव्य राममंदिर को समर्पित और हिंदू धर्म की एकता और धार्मिक भावना का संदेश देने वाली इस रियलिस्टिक रंगोली को वैश्विक स्तर पर मान्यता के साथ एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से पुरस्कार पाकर हम बहुत सम्मानित महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने इस ऐतिहासिक आयोजन में शामिल सभी संगठनों और कलाकारों को धन्यवाद दिया। हमें विश्वास है कि यह पुरस्कार रंगोली जैसी पारंपरिक कला और सांस्कृतिक विरासत को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर प्रस्तुत करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
उल्लेखनीय है कि, इससे पहले मेहंदी कल्चर की संस्थापक और मेहंदी आर्टिस्ट निमिषाबेन पारेख द्वारा रचित “मेहंदीकृत रामायण” को एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान मिला था। जिसमें सूरत की 51 बहनों के हाथों पर रामायण के 51 अध्यायों पर आधारित 51 प्रसंगों को वारली आर्ट में मेहंदी के रूप में प्रस्तुत किया गया था। इसके अलावा हाल ही में गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र भाई पटेल ने “मेहंदीकृत रामायण” को रचनात्मकता के साथ कला और भक्ति का बेहतरीन संगम दर्शाकर निमिषाबेन पारेख को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया था।