
प्लाजमा दाताओं की कमी, रक्तदाताओं की संख्या भी घटी
शहर में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में शहर में रक्त और प्लाजमा की माँग बढ़ी है। कोरोना संक्रमण और वैक्सिनेशन के चलते रक्तदान करने वालों की तादाद बहुत कम है। इसी वजह से रक्तदान केंद्रों पर रक्त के साथ प्लाजमा की कमी है।
सूरत के ब्लड बैंकों में कोरोना मामलों में वृद्धि के चलते रोजाना 40 से 60 प्लाज्मा की मांग है। कोरोना को मात देकर जो स्वस्थ्य हो चुके हैंं, वे प्लाज्मा दान कर सकते हैं, जो अन्य मरीजों के लिए कारगर साबित होता है। सूरत में विभिन्न ब्लड बैंकों में प्लाज्मा की मांग है, लेकिन इन दिनों प्लाज्मा दान करने वालों की तादाद बहुत कम है।
शहर में कोरोना के कारण रक्त शिविरों का भी आयोजन नहीं हो पा रहा। जिसके कारण ब्लड बैंकों में भी रक्त की कमी है। लोक समर्पण ब्लड बैंक के निदेशक हरिभाई ने बताया कि रक्तदाताओं को रक्तदान करना चाहिए। वैक्सिनेशन के बाद रक्तदान में 40 से 45 दिन का समय लगताहैं। वैक्सिनेशन के बाद चाहकर भी 45 दिनों से तक रक्तदान नहीं कर पाएंगे। कोरोना संक्रमण और वैक्सिनेशन के कारण रक्तदाताओं की संख्या काफी घटी है, जो चिंता का विषय है।