महिलाओं को अभय बनाने वाली 181 अभयम हेल्पलाइन ने सराहनीय कार्य किया है। अभयम हेल्पलाईन ने सूरत के वराछा इलाके में रहने वाली विवाहित महिला को उसके पति की प्रताड़ना से मुक्त कराया है, जो उसे चार बेटियां होने के कारण बेटे के जन्म की मांग को लेकर प्रताड़ित कर रहा था।
मूल रूप से राजकोट की रहने वाली जेतपुर निवासी रोशनीबेन (बदला हुआ नाम) कई वर्षों से रोजगार के सिलसिले में अपने परिवार के साथ सूरत में बसी हैं। उसका पति तिरपाल बेचकर परिवार का गुजारा चलता है। पीड़िता ने हेल्पलाइन पर पति के प्रताड़ना से मुक्त होने की गुहार लगाई।
अभयम की टीम रोशनीबेनन के घर पहुंची जहां पीड़िता ने कहा, ”मेरी चार बेटियां हैं.” चौथी बेटी को हुए सात महीने हो चुके हैं। पति उसे लगातार यह कहकर प्रताड़ित करता है कि ‘बेटियों के जन्म की जिम्मेदार तुम हो, मुझे बेटा चाहिए’।
रोशनीबेन ने कहा कि मेरा भाई भी काम के सिलसिले में सूरत आया है और मेरे पति का हमारे घर खाने पर आना अच्छा नहीं लगता। जबकि मेरी बड़ी बेटी नानी के साथ गांव में रहती है, पति बेटी के लिए या यहां घर खर्च के लिए पैसे नहीं देता है, जिसके कारण मेरी स्थिति को देखकर मेरे मायके वाले आर्थिक मदद करते है।
अभयम ने पति को समझाया है कि तुम्हारे खिलाफ कानूनी कार्रवाई से बेटियों, परिवार को बहुत परेशानी होगी। पुत्र-पुत्री को समान बताते हुए सरकार भी बेटियों की शिक्षा एवं पालन-पोषण के लिए विभिन्न योजनाओं में सहायता प्रदान करती है तथा परिवार नियोजन के लाभ एवं वाहली दीकरी योजना सहित अन्य योजनाओं का लाभ लेने के बारे में बताया।
पति को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने अपनी पत्नी को आश्वासन दिया कि वह पुत्र की व्यर्थ अपेक्षा के लिए उसे प्रताड़ित या परेशान नहीं करेगा। और घरेलू समस्या में दंपति के बीच एक खुशहाल समझौता हुआ।