सूरत : वीविंग उद्योग में कारीगरों की कमी, ग्रे कपड़े का उत्पादन में केवल 35 फीसदी
वीविंग उद्योग में परप्रांतीय श्रमिकों की संख्या सबसे ज्यादा है। परप्रांतीय श्रमिक गर्मी के मौसम की शुरुआत में वतन लौट जाते है। जिसका सीधा असर ग्रे उत्पादन पर पड़ता है। ग्रे का उत्पादन घटकर केवल 35 प्रतिशत पर आ पहुंचा है। ज्यादातर वीविंग इकाईयों में रात पाली बंद हो रही है। कारीगरों की कमी और यार्न की ऊंची कीमतों के कारण ग्रे उत्पादन वहन योग्य नहीं है।
वास्तव में व्यापारी वर्ग ने ग्रे की खरीदी रोक दी है, कारखानदारों का ग्रे उत्पादन शुरू रखकर ताकों का स्टॉक करने की इच्छा नहीं है। ग्रे बाजार में कामकाज बहुत कम होने से कारखानदारों का रवैया कुछ दिन इंतजार करने का देखने को मिल रहा है। व्यापारियों दके पास का तैयार स्टॉक में धीरे-धीरे कम हो है। स्टॉक जब तक खाली नहीं होता तब तक नए माल की खरीदारी व्यापारी नहीं करना चाहते है। कारखानदार अभी नया स्टॉक करने के लिए राजी नहीं है।
वीविंग उद्योग में कारीगरों की 50 फीसदी से ज्यादा कमी है और इसके कारण रात पाली में इकाईयां बंद हो रही है। ग्रे की रनिंग और फैंसी जैक्वार्ड के क्वॉलिटी की कोई मांग नहीं है। 8-10 फीसदी व्यापारी जरूरत के मुताबिक खरीदारी कर रहे हैं। गर्मी का मौसम शुरू होने के साथ ही बड़ी संख्या में कारीगर अपने वतन गए हैं।