
मालाबार सिल्क यार्न ड्यूटी में 50 फीसदी की कटौती से टैक्सटाइल उद्यमियों में खुशी का माहौल
बजट से पहले पीएलआई, टीटीडीएस जैसी योजनाएं मित्रा पार्क मिल चुकी है
सूरत। केंद्रीय बजट में घोषणा के मुताबिक आयातित मालाबार सिल्क यार्न की ड्यूटी जो 18 प्रतिशत था, उसे घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया गया है। नतीजतन सूरत में 3500 से अधिक कपड़ा निर्माताओं को काफी राहत मिली है। ड्यूटी में एक साथ 50 प्रतिशत घटाने के कारण टेक्सटाइल उद्यमियों में खुशी का माहौल देखने को मिल रहा है।
केंद्र सरकार द्वारा घोषित बजट में कपड़ा उद्योग के लिए कोई महत्वपूर्ण घोषणा नहीं की गई है। लेकिन आयातित मालाबार सिल्क यार्न पर लगाया गया 18 प्रतिशत शुल्क एक ही झटके में घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया गया, जो कपड़ा उद्योग के लिए बहुत खुशी की बात थी।
गौरतलब है कि बजट से पहले सूरत समेत पूरे देश के कपड़ा उद्योग को पीआईएल (प्रोडक्शन लिंक्ड इनवेस्टमेंट) स्कीम टफ की एवंज में 1 अप्रैल 2022 से अमल हो इस तरह टेक्सटाइल डीटीएस (टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट ), पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल पार्क आदि की घोषणा की गई है।
फियास्वी के अध्यक्ष भरत गांधी और चैंबर के अध्यक्ष आशीष गुजराती ने एक संयुक्त बयान में कहा कि कपड़ा उद्योग के लिए अब यह अनिवार्य हो गया है कि केंद्र सरकार इन सभी के लाभों को अधिकतम करने के लिए लगातार पांच वर्षों तक उद्योग के विकास के लिए एक समान और सुसंगत नीति लागू करे तो सभी स्कीमों का ज्यादातर लाभ मिल सकता है।
सूरत के उद्योगपतियों के लिए आर्मी यूनिफोर्म का फेब्रिक तैयार करने का सुनहरा मौका
बजट में आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत रक्षा क्षेत्र में आयातित सामानों की खपत को कम करने और सेना के लिए आवश्यक समान कपड़े और उपकरणों का उत्पादन करने के लिए कई योजनाओं के कार्यान्वयन की भी घोषणा की गई।
चैंबर अध्यक्ष ने कहा सूरत एक कपड़ा केंद्र है और ऐसी परिस्थितियों में कपड़ा उद्योगपतियों को सेना की वर्दी के लिए कपड़े बनाने और आपूर्ति करने पर विचार करना चाहिए। इसके अलावा निजी संस्थाओं को रक्षा के लिए अलग-अलग फैब्रिक बनाने में सक्षम बनाने के लिए डीआरडीओ के समन्वय से स्पेशियल पर्पज व्हीकल कंपनी की स्थापना की गई है।
नायलोन यार्न के उत्पादन के लिए आवश्यक आयातित केप्ट्रोलेक्टम की ड्यूटी में 5% की कमी
सूरत के टेक्सटाइल उद्योग संबंधित एक और राहत नायलोन यार्न के उत्पादन तहत है। नायलोन के उत्पादन के लिए आवश्यक कैप्टोलेक्टम, फाइबर और यार्न पर आयात शुल्क 10 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।
इस संबंध में उद्योगपति मयूर गोलवाला और मयूर चेवाली ने कहा कि इस प्रावधान से नायलोन यार्न के उत्पादक के अलावा नायलोन फैब्रिक, टेक्निकल टेक्सटाइल और फिशनेट जैसे उत्पादों की लागत में कमी आएगी।