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गोगुंदा में आज कोरोना मरीजो में आई कमी,मिले 62 कोरोना संक्रमित मरीज
उदयपुर (कांतिलाल मांडोत) उदयपुर में सरकारी और निजी अस्पतालों में कोरोना मरीज बढ़ने से हालात खराब हो गए है।रोगी बढने से बेड नही मिलने से अस्पतालों के हालत ही बुरे है।ऑक्सीजन की कमी के साथ ही बेड ख़ाली नही होने से रोगियों को परेशान होना पड़ रहा है।देश मे चार लाख कोरोना संक्रमित मरीजो से देश की केंद्र सरकार हिल गई है।भारत के लिए चिंता का विषय तो है।लेकिन यूरोपीय देशो ने भो भारत की इस भयंकर आपदा पर चिंता जताते हुए हर समय मदद करने का भरोसा दिलाया है।उदयपुर में निजी अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की कमी के कारण रोगियों को रेफर किया जा रहा है तो सरकारी अस्पताल में न तो बेड है और न ही ऑक्सीजन उपलब्ध है।रोगियों को संभालना बड़ा मुश्किल हो गया है।उदयपुर में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से भी कोरोना मरीज बढ़ रहे है।राजस्थान में स्थिती नाजुक बनी हुई है।
देश मे संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।देश मे चार लाख कोरोना मरीजो का आंकड़ा पार हो गया हैं।कई राज्यो में लोकडाउन है।ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता को लेकर देशभर में महामारी का दौर चल रहा है।यह हमारे उदयपुर की स्थिति गंभीर नही है,परंन्तु पूरे भारत की स्थिति कोरोना संक्रमितों को लेकर दहनीय बनी हुई है।संक्रमितों के परिजन ऑक्सीजन की व्यवस्था के लिए दौड़ते हुए नजर आ रहे है।कोरोना वायरस का खतरा रोगियों पर कुछ ज्यादा ही असर दिखा रहा है।जिन लोगो को कभी ह्रदय संबंधी कोई रोग नही था।उन्हें भी यह कोरोना महामारी ने जकड़ लिया है।प्रसाशन घर मे रहने की अपील कर रहा है तो भी लोग कर्फ्यू भंग कर रहे है।कोरोना वॉरियर्स अपनी जान को खतरे में डाल कर अपने परिवार से दूर आप और हमारे जान बचाने के लिए सैनिको की तरह खड़े है।पुलिस प्रशासन बारबार मना करने पर भी लोग घरों से बाहर निकलते है।वो लोग पुलिस को धोखा नही दे रहे है वे लोग अपने आप को और अपने परिजनों के लिए खतरा बन रहे है।ग्रामीण क्षेत्र में लोग पुलिस की गाड़ी को देखकर चुप जाते है। पुलिस को देखकर मास्क लगाते है।इसमे दोराय नही है कि आप पुलिस के लिए खतरा नही बन रहे है।
आप अपने परिवार और अपने आप को खतरे में डाल रहे है।देश मे कोरोना के विरुद्ध युद्ध मे चिकित्सा जगत के साथ साथ चिकित्सा प्रतिनिधियों और पुलिस विभाग का बहुत बड़ा योगदान है।इस प्रतिकूल समय मे सरकारी और निजी संस्थाओं में वर्क फ्रॉम होम का क्रियान्वयन हो चुका है।मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव मानवता के प्रति समर्पण की भावना वाले क्लिनिक,अस्पताल, दवा कंपनिया के डिपो ,डिस्ट्रीब्यूटर, स्टॉकिस्ट और दवाई की दुकान वाले समर्पित भाव से सेवा दे रहे है।इनकी निष्ठा और मानवता के प्रति संवेदनशीलता को कैसे भुला जा सकता है।भारत की दूसरी लहर चुनौती से कम नही है।कोरोना विशेषज्ञों और भविष्यवेता ने अप्रेल माह में देश मे कोरोना विस्फोट होने की आगाही की थी।अब तो अप्रेल भी पूरा हो गया है।यह शायद अंतिम दौर है।अब आगामी दिनों में कोरोना संक्रमितों में कमी आती है तो यह प्रभु की बहुत बड़ी कृपा होगी।भगवान की इस सृष्टि में सुप्रीम सोल के बाद और कोई सर्वशक्तिमान नही है।इस संकट को दूर करने वाला एक ही है।सरकार को संसाधन जुटाने के साथ वितरण पर ही नियंत्रण रखना होगा।तभी कोरोना से जंग जीती जा सकती है।
लिहाजा, जयपुर में पिछले दिनों ऑक्सीजन की कमी के कारण लोगो की जान चली गई थी।यह अस्पताल प्रशासन की विफलता है।अस्पतालों में अव्यवस्था के ह्रदयविदारक दृश्य मीडिया में दिख रहे है।अगर दूसरी लहर का सरकार को भान होता तो सैकड़ो लोगो की जान बचाई जा सकती थी।आज संकट केवलऑक्सीजन की कमी का ही नही ,जीवनरक्षक दवाओं का भी है और अस्पताल बेड का भी ।कुछ दवाइयों की किल्लत तो इसलिए पैदा हो गई कि कोरोना संकट कम होने पर उनके उत्पादन में कमी कर दी गई।उदयपुर जिले के गोगुंदा तहसील की बात करे तो यहाँ बढ़ते मरीजो की वजह से दहशत का माहौल है।सरकारी पाबंदी के कारण सड़क पर वाहन का आवागमन बन्द है।अस्पताल या अन्य आवश्यक कार्य के लिए ही लोग घरों से बाहर निकल रहे है।पुलिस की गश्त की वजह से गांवो में लोग सड़क पर नही आ रहे है।सायरा चिकित्सा अधिकारी आर एल मीणा ने बताया कि आज गोगुंदा और सायरा में 62 कोरोना पॉजिटिव मिले है।जो शनिवार के कोरोना पॉजिटिव मरीजो से काफी कम है।लोगो के जेहन में जो ख़ौफ़ था वो कम होता दिख रहा है।
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