सूरत

महापरिनिर्वाण दिवस पर महामानव डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर को दी श्रद्धांजलि

शहर में सोमवार को महापरिनिर्वाण दिवस पर संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। डॉ बाबासाहेब अंबेडकर का महापरिनिर्वाण 6 दिसंबर 1956 को हुआ था। उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया। सामाजिक भेदभाव के खिलाफ अभियान छेड़ा था। उन्होंने अपना पूरा जीवन दलितों, पिछड़े वर्गो के उत्थान में अर्पित कर दिया। सूरत शहर के मानदरवाजा स्थित महामानव डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर की प्रतिमा को माल्यार्पण करके श्रद्धांजलि दी गई।

भारतीय संविधान के मूर्तिकार ज्ञानसूर्य, महामानव, भारत रत्न, डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर युवा नेता कृणाल सोनवणे ने डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर के विचारों को याद करते हुए उन्होंने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर कई अनुयायी उपस्थित रहे। इस समय डॉ. उन्होंने बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा दिए गए एकता, समानता, भाईचारे और सर्वधर्मसमभाव का विचार दिया। उनका विचार देश को एक सूत्र में बांधकर समाज को आगे लेकर जाएगा। कृणाल सोनवणे ने सभी से बाबासाहेब अंबेडकर के विचारों को लागू करके देश को दिए गए संविधान की रक्षा करने की अपील की है।

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