मनोरंजन

ईमानदारी , जिम्मेदारी और जुनून के साथ शून्य से शिखर तक तय किये गये सफर की कहानी है : ” विजयानंद “

समीक्षा : मुकेश कुमार मासूम
Film : ‘विजयानंद’ (Vijayanand )
Starcast : निहाल आर (Nihal Rajput), भरत बोपन्ना (Bharat Bopana ), अनंत नाग, रविचंद्रन, प्रकाश बेलावाड़ी, विनय प्रसाद, सिरी प्रह्लाद, अर्चना कोटिग और अनीश कुरुविला
Language : हिंदी, तमिल, तेलुगु और मलयालम
Director: ऋषिका शर्मा
Rating : 4.5

समीक्षा :

लिविंग लीजैंड विजय संकेश्वर की बायोपिक ‘विजयानंद’ शुक्रवार को रिलीज हो गयी। बता दें कि यह फिल्म भारत के सबसे बड़े लॉजिस्टिक समूह वी.आर.एल. लॉजिस्टिक्स के संस्थापक विजय संकेश्वर की जिंदगी पर आधारित है। इसमें एक ईमानदार बिजनेसमेन , जिम्मेदार पत्रकार और शून्य से शिखर पर पहुँचे पूर्व सांसद और पद्मश्री विजय संकेश्वर की संघर्ष भरी दास्तान को पर्दे पर उतारा गया है। यह साफ – सुथरी और परिवार के साथ बैठकर देखी जाने वाली प्रेरणादायक फिल्म है।

फिल्म में कन्नड़ एक्टर निहाल आर ने संकेश्वर का किरदार निभाया है। उनके साथ इसमें भरत बोपन्ना, अनंत नाग, रविचंद्रन, प्रकाश बेलावाड़ी, विनय प्रसाद, सिरी प्रह्लाद, अर्चना कोटिग और अनीश कुरुविला भी अहम किरदार निभा रहे हैं। कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री के लिए ऐसी फिल्में निश्चित तौर पर लाभदायक साबित होंगी। फिल्म हिंदी, तमिल, तेलुगु और मलयालम में रिलीज की गयी है।

कहानी :

यह फिल्म कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से जुड़ी एक सच्ची कहानी से प्रेरित है। यह कहानी है विजयानंद (विजय संकेश्वर) की। उत्तरी कर्नाटक के मध्य में एक छोटे से शहर गडग से 19 वर्षीय लड़का विजय बहुत कम उम्र में अपना परिवहन व्यवसाय शुरू करता है। शुरुआत में उसे कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन वो 4300 ट्रकों का मालिक बन जाता है। विजय अपने पुश्तैनी कारोबार पुस्तक प्रकाशन को छोडक़र सामान ढोने का अपना काम शुरू करता है। इस दौरान उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ता है। कड़ी मेहनत के बाद वह लॉजिस्टिक कंपनी विजयानंद रोड लाइंस (वी.आर.एल.) का मालिक बनता है।

वह कर्नाटक में अखबार की शुरुआत भी करता है जो उनके इसी संघर्ष का हिस्सा है। वह बहुत मुश्किलों के बीच अपना सफर शुरू कर अपने विजन और नैतिक प्रथाओं के साथ अपनी विरासत बनता है। इस कहानी में, एक पिता को इस बात की चिंता है कि उसका बेटा एक ऐसे नए व्यवसाय में प्रवेश करता है जिसके बारे में उसे पता नहीं है। लेकिन वही बेटा एक दिन उसी इंडस्ट्री में टाइकून बनकर उभरता है। इस बायोपिक का सबसे बड़ा मैसेज है कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है , आपकी जी तोड़ मेहनत और लगन से दुनिया का हर असंभव कार्य भी मुमकिन हो जाता है. तो अपने दोस्तों, अपने परिवार के साथ यह फिल्म देखें क्योंकि यह सभी के लिए प्रेरणास्रोत है।

एक्टिंग :

विजय संकेश्वर के किरदार में कन्नड़ एक्टर निहाल ने कमाल का अभिनय किया है। उन्होंने विजय संकेश्वर के किरदार की भूमिका को पूर्णता के साथ चित्रित किया है। उनकी दमदार एक्टिंग ने इस संघर्ष भरे किरदार को बेहतरीन तरीके से पेश किया है। सह कलाकार भरत बोपन्ना, अनंत नाग, रविचंद्रन, प्रकाश बेलावाड़ी, विनय प्रसाद, सिरी प्रह्लाद, अर्चना कोटिग और अनीश कुरुविला की एक्टिंग भी काबिले तारीफ है।

डायरैक्शन / म्यूजिक

फिल्म का निर्देशन और भी बेहतरीन हो सकता था। स्क्रिप्ट में और संवाद लेखन में भी और बेहतर की गुंजाइश लगती है। बावजूद इसके
यह बायोपिक सच में हम सबके लिए प्रेरणास्रोत हैं। एक बार यह सबको अवश्य देखनी चाहिए ।

( मुकेश कुमार मासूम जाने – माने पत्रकार हैं तथा मुंबई संध्या दैनिक समाचार पत्र समूह के संपादक रह चुके हैं।)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button