
सूरत। गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (जीपीसीबी) द्वारा दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स के सहयोग से केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल की अध्यक्षता में और वन, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और जल संसाधन राज्य मंत्री मुकेशभाई पटेल की उपस्थिति में सरसाना कन्वेंशन सेंटर के प्लेटिनम हॉल में ‘पर्यावरण कॉन्क्लेव-2025’ का आयोजन किया गया। जिसमें पर्यावरण संरक्षण में सर्वश्रेष्ठ योगदान देने वाले, ग्रीनबेल्ट विकास, जल संरक्षण, कार्बन क्रेडिट पहल और वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए सर्वश्रेष्ठ और विशेष कार्य करने वाले उद्योगपतियों को ‘कार्बन उत्सर्जन न्यूनीकरण’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग से लड़ने के साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण आधुनिक युग का महत्वपूर्ण मुद्दा है। वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण हमारे जीवन, स्वास्थ्य और भविष्य को सीधे प्रभावित करते हैं। प्रधानमंत्री के विजन के तहत हम इन समस्याओं को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं। इसके अलावा, मंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी को पूरा करना जरूरी है। इसके लिए पिछले साल प्रधानमंत्री ने ‘एक पेड़ मां के नाम अभियान’ की शुरुआत की थी। धरती मां को पेड़ों से आच्छादित करने की यह पहल सभी को अधिक से अधिक पेड़ लगाने के लिए प्रेरित कर रही है। गुजरात में औद्योगिक विकास के साथ-साथ पर्यावरण सुरक्षा, संरक्षण और संवर्धन के लिए गहन और ईमानदार प्रयास किए जा रहे हैं।
इसके अलावा, मंत्री ने कहा कि उमरगाम से अहमदाबाद तक औद्योगिक क्षेत्र के अपशिष्ट को ‘डीप सी’ परियोजना से बहुत लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास के लिए विभिन्न उद्योगों के महत्वपूर्ण मुद्दों को तेजी से हल किया जा रहा है। उन्होंने लोगों से ‘कैच द रेन’ परियोजना के तहत जल संरक्षण अभियान में भाग लेकर मातृभूमि का कर्ज चुकाने के लिए आगे आने का आह्वान किया।
इस अवसर पर सांसद मुकेशभाई दलाल, विधायक संगीताबेन पाटिल, जीपीसीबी की क्षेत्रीय अधिकारी जिग्ना ओझा, एसजीसीसीआई के अध्यक्ष निखिल मद्रासी, स्थायी समिति के अध्यक्ष राजन पटेल, शहर भाजपा अध्यक्ष परेश पटेल, केंद्रीय भूजल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सुनील अंबाष्ट, केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के वैज्ञानिक जी. सरथकुमार, सीजीडब्ल्यूए के सदस्य सचिव टी.बी.एन. सिंह, सीपीसीबी वडोदरा के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. अरविंद कुमार झा, जीपीसीबी-गांधीनगर की पर्यावरण अभियंता मनाली भट्ट, उद्योगपति, सामाजिक नेता, उद्योग प्रतिनिधि, पर्यावरणविद्, विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ, विद्यार्थी, शोधकर्ता, हितधारक उपस्थित थे।