धर्म- समाज

वेसु बलर फार्म में असारा निवासी कोरडीया परिवार द्वारा आयोजित उपधान तप का रंगारंग समापन

सूरत। वेसू क्षेत्र में असारा निवासी कोरडीया भारमलभाई मालजीभाई परिवार द्वारा आयोजित सिद्धिपथ दर्शक श्री उपधान तपोत्सव में 650 से अधिक उपधान तपस्वियों ने 47 उपधानों की सुंदर आराधना पूरी कर आज मोक्षमाल धारण किया।

जिसमें भक्तियोगाचार्य प.पू.आ.भ.श्री यशोविजय सूरीश्वरजी म.सा. शास्त्र अनुसंधानकर्ता प.पू.आ.भ.श्री मुनिचन्द्र सूरीश्वरजी म.सा. संघ संस्थापक प.पू.आ.भ.श्री भाग्येश सूरीश्वरजी म.सा. साथ ही 700 से अधिक श्रमण-श्रमणी मुनि भगवंतों का सान्निध्य एवं निश्रा प्राप्त हुई।

उपधान तप यानी सांसारिक जीवन से मुक्त होकर उच्च जैन भिक्षु जीवन का अनुभव करने का मार्ग और मोक्ष की राह पर कदम बढ़ाने का एक उत्कृष्ट प्रयास उपधान तप है। उपधान तप भगवान के जैन शासन का एक पवित्र अनुष्ठान है, और उपधान तप करना प्रत्येक श्रावक/श्राविका के जीवन का एक सपना, एक आकांक्षा है।

यशो कृपा नगरी के वेसु बलर फार्म में अत्यंत हर्षोल्लास के साथ पारिवारिक रिश्तेदारों के साथ साजन माजन संगीत के साथ पूज्य गुरुदेव के आशीर्वाद से एक शानदार आयोजन भक्तिमय माहौल में संपन्न हुआ जिसमें बड़ी संख्या में जैन श्रद्धालु मौजूद थे।

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