शिक्षा ही ला सकती है परिवर्तन : डॉ. नीलम गोयल
स्वनिर्भर शाखा संचालक मंडल सूरत के 300 ट्रस्टीयो को परमाणु सहेली ने किया जागरूक
सूरत : भारत की परमाणु सहेली डॉक्टर नीलम गोयल ने स्वनिर्भर शाखा संचालक मंडल सूरत में 300 ट्रस्ट्यो व प्रधानाध्यापकों के साथ परमाणु ऊर्जा व वर्षाजल व भू-जल संरक्षण पर आशादीप ग्रुप ऑफ स्कूल में 15 वार्षिक मीटिंग समारोह के दौरान जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया। जिसमें सूरत व आसपास के क्षेत्रों के स्वनिर्भर विद्यालयो के ट्रस्टीगण व प्रधानाध्यापकगण उपस्थित थे। जिसमें स्वनिर्भर शाखा संचालक मंडल के अध्यक्ष बाबू भाई रंधलिया, संस्था स्थापक राजेश भाई नाकरानी, प्रमुख आनंद भाई, मंत्री नरेश भाई एवं डॉ दीपकभाई राजगुरु आदि आगीवान उपस्थित थे।
परमाणु सहेली ने मीठी-मीठी परमाणु बिजली परियोजना के बारे में बताया कि यह 6500 मेगावाट की परमाणु बिजली परियोजना जो की पिछले 10 वर्षों से पब्लिक विरोध की वजह से रुकी हुई है और इस बारे में आम जनता को कोई जानकारी नहीं है, साथ ही सूरत में महंगे होते हुए कोयले और पर्यावरण प्रदूषण की वजह से बंद होते हुए उद्योगों को बचाने के लिए स्मार्ट माड्यूलर रिएक्टर की उपयोगिता के बारे में बताया।
परमाणु सहेली ने बताया कि जब अज्ञानता वश 2000 लोग किसी भी परियोजना का विरोध कर सकते हैं तो जिस दिन हमारी पढ़ी लिखी दो लाख जनता इन परियोजनाओं का सपोर्ट करेगी तो विरोध अपने आप खत्म हो जाएंगे, साथ में बताया कि वर्षाजल व भू जल संरक्षण के लिए हर खेत में जलखेत बनाकर हमारी खोई हुई प्रकृति को हम बचा सकते हैं। नदियों को जोड़ने की योजना व परमाणु बिजली परियोजना के क्रियान्वयन के बारे में सभी 300 ट्रस्टयो ने शपथ ली की आने वाली योजनाओं के समर्थन में परमाणु सहेली के महा-जनजागरूकता अभियान में पूरा सपोर्ट करेंगे।
संचालक मंडल ने परमाणु सहेली का सम्मान किया और इस मिशन को बहुत ही उपयोगी व जरूरी बताया और सूरत के सभी विद्यालयों में परमाणु ऊर्जा संबंधित विषय पर परमाणु सहेली को सेमिनार के लिए आमंत्रण दिया ताकि हमारा आने वाला भविष्य इन परियोजना के प्रति जागरूक हो। क्योंकि शिक्षा ही परिवर्तन का सही माध्यम है।