भारतसूरत

कैट ने इस कारण सरकार से 31 अगस्त को राखी पर्व घोषित करने का आग्रह किया

इस वर्ष राखी त्योहार को 30 अगस्त की मनाये जाने को शास्त्र सम्मत न बताते हुए क्योंकि 30 अगस्त को पूरे दिन भद्रा काल रहेगा और भद्रा काल में कोई भी शुभ अथवा मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है। इसको देखते हुए कन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्र सरकार के संस्कृति सचिव गोविंद मोहन को एक पत्र भेजकर आग्रह किया है की इस विशिष्ट स्थिति को देखते हुए रक्षा बंधन का सरकारी अवकाश 31 अगस्त को घोषित किया जाए।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की 30 अगस्त को भद्रा काल होने के कारण न केवल व्यापारियों बल्कि आम लोगों में भी एक भ्रम की स्थिति है। भद्रा काल होने के कारण कोई भी इस दिन राखी का शुभ मंगल कार्य नहीं करना चाहता। इसीलिए कैट ने केंद्र सरकार से यह त्यौहार शास्त्रों के अनुसार 31 अगस्त को मनाये जाने का परिवर्तन करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा की देश के विभिन्न प्रकांड विद्वानों एवं शास्त्रियों से बातचीत के बाद ही कैट ने तारीख़ बदलने का आग्रह केंद्र सरकार से किया है।

उज्जैन नगरी के प्रमुख ज्योतिषी एवं कैट की वैदिक एवं ज्योतिष कमैटी के अध्यक्ष आचार्य दुर्गेश तारे ने बताया की रक्षाबंधन के पर्व को सनातन धर्म में विशेष महत्व दिया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इस साल रक्षाबंधन के पर्व पर पंचक और भद्रा काल का निर्माण भी हो रहा है। यही वजह है कि इस साल का रक्षाबंधन 30 अगस्त को न मनाकर 31 अगस्त को मनाना चाहिए।

तारे ने बताया की इस वर्ष 30 अगस्त को सुबह 10.58 मिनट से रात्रि 9.02 मिनट तक भद्रा काल है और इस काल में कोई भी शुभ काम सर्वथा वर्जित है। इसीलिए ही इस तारीख़ को बदला जाना ज़रूरी है जिससे शास्त्रसम्मत रूप से रखी का त्यौहार मनाया जा सके।

श्री तारे ने बताया की धार्मिक ग्रंथो के मुताबिक भद्रा भगवान सूर्य की पुत्री का नाम था और भद्रा राजा शनि की बहन भी थी। जिस तरह शनिदेव को कठोर माना जाता है ठीक उसी तरह भद्रा भी अपने भाई शनि की तरह कठोर मानी जाती है। भद्रा के स्वभाव को नियंत्रित करने के लिए भगवान ब्रह्मा ने उन्हें काल गणना के एक प्रमुख अंग विष्टि करण में स्थान दिया था। इतना ही नहीं भद्रा की स्थिति में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है।

उन्होंने बताया की ऐसा माना गठाई की जो भी भद्रा काल में किसी भी तरह का शुभ कार्य करेगा उसमें उसे सफलता नहीं मिलेगी। यही वजह है कि भद्रा काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। यही कारण है कि भद्रा काल में रक्षाबंधन नहीं बांधा जाता है। इसको देखते हुए ही कैट ने सरकार से आग्रह किया है की रक्षा बंधन की तारीख़ को 31 अगस्त घोषित किया जाए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button