भारत

आठ साल से अधिक पुराने वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाएंगी सरकार!

केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट करके दिए निर्देश

केंद्र सरकार आठ साल से अधिक पुराने वाहनों पर 8 से 25 फीसदी ग्रीन टैक्स लगाने की योजना बना रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उन्होंने इस मामले को अपनी मंजूरी दे दी है। देश में पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा है। ग्रीन सेस को स्थिति को सुधारने और आठ साल से पुराने वाहनों के माध्यम से प्रदूषण के प्रसार को रोकने के लिए माना जा रहा है। प्रस्ताव देश के हर राज्य को भेजा गया है। मामले पर राज्यों द्वारा अपने विचार प्रस्तुत करने के बाद इस मुद्दे पर निर्णय लिया जाएगा। कमर्शियल वाहनों पर इस टैक्स का बड़ा बोझ आने की संभावना है। कमर्शियल व्हीकल के लिए हर साल फिटनेस सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य है। निजी वाहनों को हर 15 साल में फिटनेस प्रमाण पत्र लेना होता है।

ऐसे संजोग में कमर्शियल वाहन पर इस टैक्सा का बोझ आने की संभावना है। आर.टी.ओ. द्वारा टैक्स के तौरपर वाहन के बेजिक प्राइज का 6 प्रतिशत कर लगाया जाता है। इस कर राशि का 8 प्रतिशत से 25 प्रशित तक ग्रीन सेस लगाया जाएगा। उदाहरण के तौरपर यदि कोई कमर्शियल वाहन नया है, तो उसका फिटनेस प्रमाणपत्र दो साल बाद प्राप्त करना होता है। इन परिस्थितियों में एक वर्ष के बाद कोई ग्रीन सेस नहीं लगाया जाएगा। लेकिन अगर वह अगले साल में फिटनेस प्रमाण पत्र लेने जाता है, तो उसे फिटनेस प्रमाण पत्र के अलावा 600 से 800 और सड़क कर राशि का 8 से 25 प्रतिशत जमा करना होगा।

रोड टैक्स वाहन की बेजिक कीमत का 6 प्रतिशत है। हालांकि निजी वाहनों से रोड टैक्स लेने के बाद उन्हें अपने वाहन की फिटनेस को रिन्यू करने के लिए 15 साल के लिए जाना होगा। इन परिस्थितियों में यह स्पष्ट नहीं है कि निजी वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र के साथ उनसे ग्रीन सेस कैसे लिया जाएगा। हालांकि अगर केंद्र सरकार यह निर्णय लेती है तो पुराने वाहनों के बाजार में गिरावट की संभावना है। पुराने वाहनों की मांग इस साल से घटने की संभावना है। दूसरी ओर तीन साल पुराने वाहनों का मूल्य भी बढ़ सकता है। इसका लाभ हर तीन से चार वर्ष इस्तेमाल करके वाहन बदलते कंपनियों को मिल सकता है। उन्हें अपने वाहनों का बेहतर मूल्य प्राप्त हो सकता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button