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महाराष्ट्र कर्नाटक सीमा विवाद पर बोले कृपाशंकर, खून देने के लिए पहली पंक्ति में खड़ा रहेगा उत्तर भारतीय

भिवंडी। महाराष्ट्र में रहने वाला उत्तर भारतीय यहां की उर्वरा मिट्टी और यहां की गौरवशाली संस्कृति से जुड़ चुका है। महाराष्ट्र की अस्मिता पर कभी आंच आई तो सबसे पहले उत्तर भारतीय अपना बलिदान देगा। भिवंडी में आयोजित उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस के उपलक्ष में आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए महाराष्ट्र केl पूर्व गृह राज्य मंत्री तथा प्रदेश उपाध्यक्ष कृपाशंकर सिंह ने उपरोक्त बातें कहीं।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र कर्नाटक सीमा विवाद को लेकर अगर खून देना पड़ा तो उत्तर भारतीय पहली पंक्ति में खड़ा होगा। उन्होंने कहा कि उत्तर भारतीय बागी हो सकता है परंतु गद्दार नहीं। उत्तर प्रदेश के लोगों की रगों में भगवान राम और भगवान कृष्ण की भक्ति धारा बहती है। उत्तर भारत के लोग मेहनतकश और ईमानदार है। कृपाशंकर सिंह ने कहा कि यह सर्वविदित है कि जब हम सब के आराध्य देव छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक को लेकर विरोध प्रकट किया गया था तथा उनके क्षत्रिय होने पर प्रश्न चिन्ह लगाया गया था, ऐसे में वाराणसी के सुविख्यात पंडित गागा भट्ट ने रायगढ़ आकर साबित किया कि शिवाजी महाराज, राजस्थान के क्षत्रिय जाति के सिसोदिया परिवार के वंशज हैं। इस बात को सर्वसम्मति से मान भी लिया गया था।

उन्होंने शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक करवाया। पंडित गागा भट्ट की बदौलत ही पूरे मराठा समुदाय को क्षत्रिय होने का गौरव प्राप्त हुआ। भाजपा उत्तर भारतीय मोर्चा, भिवंडी के अध्यक्ष प्रवीण मिश्रा के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय पंचायती राज मंत्री कपिल पाटिल, विधायक महेश चौगुले,भिवंडी के भाजपा अध्यक्ष संतोष शेट्टी, आरपीआई के भिवंडी अध्यक्ष महेंद्र गायकवाड, सुमित पाटील, श्याम अग्रवाल समेत अनेक मान्यवर उपस्थित रहे।

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