सूरत में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग जागरूकता कार्यक्रम आज शुक्रवार 30 को केन्द्रीय जलशक्ति सी.आर.पाटिल की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। राष्ट्रीय जल मिशन के तहत ‘कैच द रेन’ और रेन वॉटर हार्वेस्टिंग जागरूकता कार्यक्रम में दक्षिण गुजरात के सूरत, नवसारी, वलसाड, डांग एवं तापी जिलों के मंत्रियों, पदाधिकारियों एवं अधिकारियों की उपस्थिति रही।
राज्य का 65 प्रतिशत पानी दक्षिण गुजरात में
एक होटल में जल शक्ति मंत्रालय के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने सभी से अनुरोध किया कि वे वर्षा अमृत की एक-एक बूंद को जमीन में एकत्र करने के लिए भगीरथ कार्य में एकजुट हों। उन्होंने कहा कि ‘कैच द रेन’ के लक्ष्य के साथ जनभागीदारी से वर्षा जल को भूमिगत करने का सामूहिक कार्य शुरू हो चुका है। इस अभियान को हमारे घरों, मोहल्लों, गांवों, गलियों तक ले जाने का प्रयास करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य का 65 प्रतिशत पानी दक्षिण गुजरात में है।
मध्य प्रदेश और राजस्थान की 20 नदियों को जोड़ने की योजना
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश और राजस्थान की 20 नदियों को जोड़ने की योजना है। हम सब मिलकर भूमिगत जल भंडारण के उद्देश्य से 24,800 बोर करने जा रहे हैं। उन्होंने भावी पीढ़ी को वर्षा जल का संचय कर अखंड़ित जल संसाधन प्राप्त करने का आह्वान करते हुए कहा कि दुनिया की 18 प्रतिशत आबादी और पशुधन भारत में है, जबकि पानी केवल चार प्रतिशत है। यदि हम इस चार प्रतिशत पानी का व्यवस्थित नियोजन करें तो भविष्य में पानी की समस्या नहीं होगी। पहले के समय में लोग पानी का परब बनाते थे इसलिए इसका धार्मिक महत्व भी है। आगामी 6 तारीख को प्रधानमंत्री की वर्चुअल मौजूदगी में सूरत में वर्षा जल संचयन पर कार्यक्रम होगा।
प्रत्येक जोन-वार्ड स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे : शालिनी अग्रवाल
मनपा आयुक्त शालिनी अग्रवाल ने कहा कि महानगर पालिका ने वर्षा जल संचयन में अधिक से अधिक लोगों को शामिल करने के लिए जनभागीदारी की नीति बनाई है, जिसमें 70 प्रतिशत सरकार, 20 प्रतिशत पदाधिकारियों का अनुदान तथा 10 प्रतिशत महानगर पालिका अपनी धनराशि प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में लोगों को अधिकतम जल पुनर्भरण के कार्य में जोड़ने के लिए सोसायटी, घरों में जन जागरूकता पैदा करके प्रत्येक जोन-वार्ड स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा 2038 सरकारी परिसरों में वर्षा जल संचयन किया जाएगा। महानगर पालिका द्वारा एक से डेढ़ लाख की लागत से लाखों लीटर पानी को जमीन में संग्रहित करने के लिए विभिन्न डिजाइन तैयार किये गये हैं।
जागरूकता सेमिनार में वित्त मंत्री कनुभाई देसाई, गृह मंत्री हर्ष संघवी, जनजातीय विकास राज्य मंत्री कुँवरजी हलपति, सांसद मुकेशभाई दलाल, प्रभुभाई वसावा, धवल पटेल, महापौर दक्षेश मावाणी, गुजरात के सूरत सहित नवसारी, वलसाड, तापी और डांग जिलों के विधायक, कलेक्टर, जिला पंचायत अध्यक्ष और पदाधिकारी शामिल हुए।