सूरत

सूरत के निजी अस्पतालों में केवल 6 घंटे चले इतना ही ऑक्सीजन, 4000 मरीजों की जान खतरे में!

देश कोरोना वायरस की दूसरी लहर कहर बरपा रही है। इस सब के बीच वर्तमान में देश ऑक्सीजन की कमी का सामना कर रहा है। जिसमें गुजरात भी अछूता नहीं है। गुजरात में हर जगह लोग ऑक्सीजन के लिए दौड़ रहे हैं। जमीनी हकीकत सरकार के सब सलामत होने के दावों से कुछ अलग है। खासतौर पर अहमदाबाद, सूरत, राजकोट जैसे महानगरों में ऑक्सीजन का संकट लगातार बढ़ता जा रहा है।

सूरत की बात करें तो सूरत के निजी अस्पतालों में अभी 6 से 7 घंटे तक ऑक्सीजन की इतनी ही मात्रा बची है। अगर इन अस्पतालों को जल्दी ऑक्सीजन नहीं दी गई तो 4000 मरीजों की जान खतरे में पड़ जाएगी, यही वजह है कि डॉक्टर स्थानीय अधिकारियों, अधिकारियों के साथ-साथ मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को भी ऑक्सीजन देने के लिए बिनंती कर रहे हैं।

सूरत में स्थिति ऐसी है कि अस्पतालों ने ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीजों को भर्ती करना बंद कर दिया है। सूरत को प्रति दिन 220 मेट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, जिसके सामने सूरत में वर्तमान में केवल 160 या 170 टन ऑक्सीजन प्राप्त हो रही है। इसलिए ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है। अगर यह स्थिति बनी रही, तो ऑक्सीजन की कमी के कारण कई लोग अपनी जान गंवा देंगे।

गौरतलब है कि अस्पतालों द्वारा ऑक्सीजन की व्यवस्थ नहीं की जा रही है, इसलिए मरीजों के रिश्तेदार ऑक्सीजन की व्यवस्था में जुटे हैं। वे दिनभर बोतलें लेकर लाइन में खड़े रहते हैं। इसी तरह की स्थिति गुजरात के अन्य जिलों और शहरों में देखी जा रही है।

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