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सूरत : प्रत्याशियों-नेताओं की वोटिंग के दौरान की फोटो वायरल होने के बाद सौंपी जांच

मतदाताओं ने की शिकायत से कलेक्टर ने चुनाव अधिकारी व साइबर क्राइम को सौंपी जांच

मतदान केंद्र में मोबाइल फोन ले जाने पर प्रतिबंध के बावजूद भाजपा, कांग्रेस व आप के प्रत्याशी द्वारा बूथ पर खड़े होकर फोटो खींचकर वायरल किए जाने की शिकायत मिली है। लिहाजा सूरत जिलाधिकारी ने सभी चुनाव अधिकारियों और साइबर क्राइम को जांच सौंपी है और रिपोर्ट तलब की है।

विधानसभा चुनाव के दौरान ऐसी शिकायतें आई थीं कि बूथों पर मतदान के दौरान कई मतदाताओं को पुलिस कर्मियों ने उनके मोबाइल फोन पर सेल्फी लेने के लिए रोका था। सूरत पश्चिम में मतदान केंद्र पर मोबाइल फोन ले जाने पर रोक लगा दी गई है। लिहाजा मतदाताओं में खासा रोष था। वहीं कंट्रोल रूम में शिकायतों का सिलसिला शुरू हो गया।

दूसरी ओर विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के बूथ में या मतदान के बाद बूथ के भीतर मतदान करने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। कई उम्मीदवारों या कार्यकर्ताओं और नेताओं ने वोट करते समय किसे वोट दिया, इसके साथ कई उम्मीदवार या कार्यकर्ता और नेता सोशल मीडिया पर लाइव भी हुए।

जिला कलेक्टर आयुष ओक को ऐसी शिकायतें प्राप्त होने पर चुनाव अधिकारी को आचार संहिता का उल्लंघन हो रहा क्या? इसके जांच के आदेश दे दिए गए हैं। साथ ही साइबर क्राइम को जांच का जिम्मा सौंपकर रिपोर्ट तलब की है।

मतदान के दौरान ईवीएम या वीवीपैट के साथ फोटो खींचना अपराध

सूरत के जिलाधिकारी ने कहा कि मतदान केंद्र के अंदर फोटो खिंचवाने में कोई अपराध नहीं है। लेकिन ईवीएम में मतदान करते समय बैलेट यूनिट या विविपेट के साथ फोटो खींचना अपराध है। इसलिए मौजूदा शिकायतों की जांच के बाद ही पता चलेगा।

दोषी पाए जाने पर 1 साल की कैद और जुर्माना

मतदान केंद्र पर जाकर फोटो वायरल करने के मामले में यदि अपराध साबित हो जाता है तो मतदान की गोपनीयता की धारा 128 के तहत अपराध दर्ज किया जा सकता है। और इस अपराध के लिए एक साल की सजा और जुर्माना हो सकता है।

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