शिक्षा-रोजगार

सूरत के पहले आईपीएस हरेश दुधात ने युवाओं को सिविल सर्विस में शामिल होने के लिए कड़ी मेहनत की दी सलाह

सूरत। दी गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा शुक्रवार को सूरत के पहले आईपीएस बने हरेश दुधात के साथ इंटरैक्टिव सत्र समृद्धि बिल्डिंग, नानपुरा, सूरत में आयोजित किया गया था। जिसमें हरेश दुधात ने छात्रों और युवाओं को आईपीएस बनने के लिए की गई मेहनत के बारे में जानकारी दी और उन्होंने उन्हें सिविल सर्विसेज में शामिल होने का भी आह्वान किया।

हरेश दुधात ने बताया कि उनका बचपन सूरत में बीता और वराछा इलाके में शिक्षा लेकर बी.एस.सी. तक की पढ़ाई की। कक्षा 12 में थे तभी से आईपीएस बनने की इच्छा थी। सूरत में उस समय जिला कलक्टर के तौरपर कार्यरत उन्होंने संगीता सिंह से मुलाकात की और उनसे मार्गदर्शन प्राप्त किया और सिविल सेवाओं की तैयारी शुरू कर दी। जब मैंने स्नातक किया, तब सूरत में यूपीएससी या जीपीएससी की तैयारी के लिए कोई क्लास नहीं थे। अहमदाबाद जाकर परीक्षा की तैयारी की और वर्ष 2013 तक तीन बार प्रयास किए। साल 2008 में एलआईसी की परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने दो महीने तक विकास अधिकारी के तौर पर भी काम किया। फिर यूपीएससी परीक्षा का आखिरी एटेम्ट देकर आईपीएस बने।

उन्होंने कहा कि सूरत में वर्ष 2013 से 2015 तक एसीपी ई-डिवीजन के रूप में कार्यरत थे। इसके बाद अहमदाबाद में एससी/एसटी सेल में डीवाईएसपी के पद पर कार्यरत रहे। विसनगर में डीवाईएसपी के रूप में अपनी ड्यूटी निभाने के बाद वह सीआईडी ​​क्राइम में एसपी के तौरपर सेवा दी। वर्तमान में वे गुजरात पुलिस अकादमी में सुप्रिन्टेन्डेन्ट ऑफ पुलिस और डिप्टी डायरेक्टर के तौरपर फर्ज निभा रहे है। नौकरी के दौरान आए अनुभवों की चर्चा की और छात्र-युवाओं को भी सिविल सर्विस में शामिल होने के लिए कड़ी मेहनत करने की अपील की।

चैंबर के अध्यक्ष दिनेश नावडिया ने इस संवादात्मक सत्र में स्वागत भाषण दिया। मानद मंत्री निखिल ने सत्र का संचालन किया। चेंबर के निर्वाचित अध्यक्ष आशीष गुजराती और मानद कोषाध्यक्ष मनीष कापडिया ने प्रासंगिक विधि की। अंत में चैंबर के निर्वाचित वाइस प्रेसिडेन्ट हिमांशु बोडावाला ने आभारविधि करके सेशन का समापन किया।

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