धर्म- समाजसूरत

सूरत की पहली श्री हनुमान चालीसा युवा कथा का प्रारंभ, हरिप्रकाश स्वामी ने कहा “इस कथा का उद्देश्य युवाओं के संस्कारों को दादा के चरित्रों से अलंकृत करना है”

सूरत में तापी नदी के तट पर आज से पहली हनुमान चालीसा कथा शुरू हो रही है। रात 8.30 बजे से 11.30 बजे तक सालंगपुर के शास्त्री स्वामी व्यासपीठ से श्रोताओं को हनुमानजी की कथा सुनाएंगे। कथा के पूर्व भव्य पोथीयात्रा का आयोजन किया गया। जिसमें 500 महिलाओं ने श्रीराम चरित मानस ग्रंथ को सिर पर धारण किया। साथ ही पुरुष भी साफा बांधे थे। इसके अलावा पोथीयात्रा में पुरुषों ने काठियावाड़ी, राजस्थान की थीम तैयार की थी। वही पोथीयात्रा में संतों ने बागी में सूरत के श्रद्धालुओं को दर्शन दिए।

इसके अलावा पोथीयात्रा में डीजे, बैंडबाजा, नासिक ढोल, अफ्रीकन सीधी धमाल, संगीत की प्रस्तुति दी गई। हाथी रथ, बैलगाड़ी, खुली थार जीप, बुलेट जुलूस पोथीयात्रा की शोभा बढ़ा रहे थे। इसके अलावा विद्यालय की झांकी, बंदरों, हनुमानजी देव देवताओं, मिक्की माउस सहित असंख्य भक्तों ने पोथीयात्रा में चार चांद लगाए।

हरिप्रकाश स्वामी ने बताया कि, ”सूरत के प्रांगण में रामभक्त श्री हनुमानजी युवा कथा का आयोजन किया गया है। यह कथा हनुमानजी के पराक्रम, शौर्य और ऐश्वर्य की कथा है। इस कथा का मुख्य जोर यह है कि आज का युवा नशे और शराब का आदी होता जा रहा है। इस कथा के माध्यम से हमें समाज के सभी बेटे-बेटियों को एक बात दिखानी है कि हमारे आदर्श हनुमानजी होने चाहिए।

हनुमानजी महाराज में वीरता, भक्ति, शक्ति, पराक्रम, यश, शौर्य है। इस प्रकार हनुमानजी में सभी गुणों का सामंजस्य हनुमानजी में ही है। हनुमानजी अधिकांश प्रेरक वक्ताओं के आदर्श हैं। आध्यात्मिक और भौतिक पथ में सफल होने के लिए हनुमानजी का अनुसरण करना सबसे अच्छा है। ”

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button