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टाटा प्रोजेक्ट्स ने निर्माणकर्मियों के लिए शुरू की कौशल उन्नयन पहल

बेहतर साइट प्रबंधन और कुशल टैलेंट पूल से कंपनी को भी लाभ पहुंच रहा है

सूरत २४ दिसम्बर २०२४ : टाटा प्रोजेक्ट्स ने अपने कार्यबल को सशक्त बनाने और निर्माण उद्योग में वहनीय प्रथाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से श्रमिकों के कौशल उन्नयन से जुड़ी पहलों की शुरुआत की घोषणा की है। इन पहलों को हमारे श्रमिकों को व्यापक प्रशिक्षण, मान्यता प्राप्त प्रमाणन और वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है और इसके तहत बेहतर साइट प्रबंधन और कुशल टैलेंट पूल (प्रतिभा समूह) से कंपनी को भी लाभ पहुंच रहा है। कंपनी इन पहलों के ज़रिये श्रमिकों को कुशल निर्माण विशेषज्ञ बनने का अवसर देकर उन्हें सशक्त बनाना चाहती है ताकि उनकी रोज़गार पाने क्षमता बढ़े। ऐसी पहलों से हमारे कार्यबल को न केवल खुद को बेहतर बनाने का मौका मिलता है, बल्कि उनके लिए अपने करियर को आगे बढ़ाने और उच्च पदों तथा बेहतर वेतन वाली नौकरियों के लिए दरवाज़े भी खुलते हैं।

निर्माण उद्योग के अगली पंक्ति के कार्यबल को व्यापक कार्य एकीकृत प्रशिक्षण (वर्क इंटीग्रेटेड ट्रेनिंग) से लाभ होगा जिसके तहत कक्षा में पढ़ाई (क्लासरूम लर्निंग) के साथ-साथ संयुक्त व्यावहारिक अनुभव प्रदान की जाती है ताकि वे हर तरह के कौशल हासिल कर सकें। प्रशिक्षण पूरा होने पर, हमारे कार्यबल को निर्माण उद्योग विकास परिषद (सीआईडीसी) और कलिंगा विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र, डिप्लोमा और डिग्री प्राप्त होती हैं, जिससे उनकी विश्वसनीयता और रोज़गार पाने के क्षमता बढ़ती है।

टाटा प्रोजेक्ट्स की यह पहल निर्माण प्रथाओं में वहनीयता और दक्षता के सिद्धांतों को स्थापित कर वहनीय तरीके से साइट प्रबंधन पर ज़ोर देती है। प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य है, निर्माण उद्योग के भीतर कुशल प्रतिभाओं को शामिल करना, जो इसके विकास और वृद्धि में योगदान करते हों। इस पहल के ज़रिये, हम कुशल, प्रमाणित कार्यबल, कार्यबल में विविधता और कुशल प्रशिक्षकों का समूह हासिल करना चाहते हैं। आने वाले दिनों में हम कुशल फोरमैन का समूह, निर्माण पर्यवेक्षकों के लिए एक टैलेंट पूल बनाना और आगामी परियोजनाओं के लिए एक कैडर स्थापित करना चाहते। ये कार्यक्रम कर्मचारियों के करियर को निर्माण उद्योग में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक विशेषज्ञता से लैस कर उल्लेखनीय लाभ प्रदान करेंगे ताकि अपेक्षाकृत अधिक स्थित भविष्य सुनिश्चित हो।

टाटा प्रोजेक्ट्स के सीएचआरओ, रितेश प्रताप सिंह ने कहा: “टाटा प्रोजेक्ट्स में, हमारा मानना है कि हमारे कर्मचारी हमारी सबसे बड़ी परिसंपत्ति हैं, और उनके आगे बढ़ने से हमारी सफलता को बढ़ावा मिलता है। हम ‘फ्रंटलाइन वर्कफोर्स अपस्किलिंग प्रोग्राम’ के ज़रिये न केवल अपने कर्मचारियों में निवेश कर रहे हैं, बल्कि यह निर्माण उद्योग के भविष्य में निवेश कर रहे हैं और यह उनके पेशेवर विकास तथा कल्याण के हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि उनके पास अपने करियर को आगे बढ़ाने और उद्योग के भविष्य में योगदान देने के लिए आवश्यक कौशल और समर्थन मिले।

हम अपने कार्यबल को नए कौशल से सशक्त बनाकर, निरंतर सुधार और नवोन्मेष की संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे यह सुनिश्चित हो रहा है कि हम न केवल भवन-ढांचगत का निर्माण करें, बल्कि अधिक मज़बूत, अधिक वहनीय समुदायों का निर्माण करें।”

निर्माण उद्योग विकास परिषद (सीआईडीसी) के महानिदेशक डॉ. पी. आर. स्वरूप ने कहा: “टाटा प्रोजेक्ट्स और सीआईडीसी के बीच यह गठजोड़ निर्माण उद्योग को आगे बढ़ाने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। श्रमिकों को आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस कर, हम न केवल उनका व्यक्तिगत करियर बेहतर बना रहे हैं, बल्कि उद्योग में गुणवत्ता और दक्षता के लिए नए मानक भी स्थापित कर रहे हैं। साथ मिलकर, हम कार्यबल और उनके समुदायों के लिए एक उज्जवल भविष्य का निर्माण कर रहे हैं।”

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