
केरल में कपड़ा कारोबारियों का 1000 करोड़ से ज्यादा का पेमेंट फंसा
बाढ़ और कोविड के कारण केरल के व्यापारियों का नुकसान
सूरत के कपड़ा बाजार में दक्षिण भारत से बड़े पैमाने पर कारोबार किया जाता है। दिवाली पूर्व अच्छी ग्राहकी से व्यापारी खुशहाल है। हालांकि दक्षिण भारत के बाजारों में सूरत के कपड़ा कारोबारियों के 1000 करोड़ से ज्यादा का पेमेंट फंसने से व्यापारियों के चेहरों पर चिंता साफ झलक रही है। पहले केरल में बाढ़ और इसके बाद कोरोना की स्थिति केकारण दो से ढ़ाई साल से कपड़ा कारोबारियों का पेमेंट फंसा है। दिवाली और इसके बाद शादी और पोंगल की खरीदी के कारण कपड़ा व्यापारियों का अच्छा कारोबार हुआ है। लेकिन इसके सामने कोविड के प्रथम वेव बाद से ही कपड़ा कारोबारियों का देश के विविध मार्केट से पुराना पेमेंट फंसने की शिकायतें उठी है।
आमतौर कपड़ा मार्केट में 45 से 90 दिनों का पेमेंट साइकल कोरोना पूर्व थी। कोविड असर के बाद 6 से 8 माह और कुछ मामलों में 1 साल से पेमेंट नहीं मिलने की बात सामने आयी है। अब पोंगल की खरीदी शुरू होने वाली हैं ऐसे में कपड़ा व्यापारियों को अपना केरल में फंसा पुराना पेमेंट की चिंता सता रही है। कपड़ा कारोबारियों के मुताबिक राजस्थान, मध्यप्रदेश, महा, राजस्थान, एमपी, यूपी, बिहार, तमिलनाडू, आंधप्रदेश, हैदराबाद सहित मार्केट में सूरत के व्यापारियों का करीबन 20 से 25 प्रतिशत पेमेंट फंसा है।
सिर्फ केरल में ही सूरत के कपड़ा व्यापारियों का 1000 करोड़ से ज्यादा का पेमेंट फंसा है। कपड़ा व्यापारियों ने बताया कि केरल में कोरोना पूर्व बाढ़ की स्थिति और इसके बाद कोरोना की प्रथम और दूसरी लहर में सबसे ज्यादा असर केरल में देखने को मिला।