सूरत

VNSGU केम्पस में पुलिस और छात्र के बीचे हुए घर्षण” विवाद में राष्ट्रिय मानव अधिकार आयोग ने लगाई फटकार

आज से एक वर्ष पूर्व 11 अक्टूबर 2021को नवरात्रि पर्व के उपलक्ष में वीर नर्मद साऊथ गुजरात युनिवर्सटी केम्पस में छात्रों द्वारा रास गरबा का आयोजन किया गया जा रहा था। इस समय दौरान उमरा पुलिस स्टेशन की टीम बिना यूनिवर्सिटी के जवाबदार पदाधिकायों की अनुमित केम्पस में घुस कर छात्रों पर लाठी चार्ज की घटना घटी थी। जिसमें 6 से छात्रों को शारीरक क्षति पहुंची थी। जिसके बाद उन छात्रों को सूरत के सिविल अस्पताल में प्राथमिक उपचार लेना पड़ा था। जिसके बाद राज्यभर में विविध कॉलोजो में उग्र प्रदर्शन हुआ था और छात्रों ने जब तक न्याय ना मिले तब तक अध्ययन बंद का आव्हान किया था।

इसके बाद मामला ज्यादा तुल पकड़ने पर सूरत शहर पुलिस आयुक्त अजय तोमर ने तमाम छात्रों को इस मामले निष्पक्ष जाँच और दोषी पुलिस वालों के खिलाफ में कार्यवाही का आश्वासन दिया था । जिसके पश्चात् शहर के चर्चित वकील और समाज सेवी एस.पी. राठोड (प्रदीप सिंह राठोड) द्वारा इस मामले की शिकायत राष्ट्रिय मानव अधिकार आयोग में की गई थी। जिसके पश्चात् समग्र मामले की जांच डीसीपी को सौंपी और इस मामले में निर्लिप्त पुलिसकर्मी का ट्रांसफर और दो पुलिस कांस्टेबल धर्मेन्द्रगिरी और ईश्वरदान गढ़वी को सस्पेंड किया गया था।

आयोग ने इस मामले का त्वरित संज्ञान ले कर ‘मानव अधिकार संघरक्षण अधिनियम,1993’ की धारा 13 के प्रदत अधिकारों का उपयोग कर 15/11/21 को 4 सप्ताह के भीतर सूरत पुलिस आयुक्त को रिपोर्ट तलब करने और मानव अधिकार भंग की कार्यवाही क्यों ना की जाए का जवाब माँगा था। जिसके बाद पुलिस आयुक्त ने आज तक रिपोर्ट तलब ना करने और अपना पक्ष ना रख कर आयोग की दो नोटिस को नजर अंदाज किया। जिसके पश्चात 26/9/22 को राष्ट्रिय मानव अधिकार आयोग ने सूरत पुलिस आयुक्त अंतिम चेतावनी नोटिस में दिंनाक 25/11/22 तक रिपोर्ट सबमिट करने अन्यथा दिंनाक 2/12/22 को रिपोर्ट के साथ प्रत्यक्ष रूप से हाजिर होने के आदेश दिया है।

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