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‘सूरत के सुमधुर कलाकार’: घोड़दौड़ स्थित अंधजन मंडल स्कूल के प्रज्ञाचक्षु विद्यार्थियों की लयबद्ध साधना

हर वर्ष 21 जून को ‘विश्व संगीत दिवस’ के रूप में मनाया जाता है

सूरत। संगीत न केवल मनोरंजन का माध्यम है, बल्कि यह भावनाओं की अभिव्यक्ति का सबसे सुंदर जरिया भी है। संगीत की शक्ति इतनी व्यापक है कि इसका प्रभाव केवल इंसान ही नहीं, बल्कि पशु-पक्षियों और पेड़-पौधों पर भी देखा गया है। इसी महत्त्व को मान्यता देते हुए हर वर्ष 21 जून को ‘विश्व संगीत दिवस’ के रूप में मनाया जाता है, ताकि समाज में संगीत के प्रति जागरूकता और रुचि बढ़े।

संगीत में सुर, लय और ताल की त्रिवेणी होती है, जिसे हम सुनते और अनुभव करते हैं। ऐसे ही सुरों की मधुर प्रस्तुति देती है सूरत के घोड़दौड़ क्षेत्र में स्थित अंधजन मंडल स्कूल की संगीत मंडली, जिसमें दृष्टिबाधित (प्रज्ञाचक्षु) विद्यार्थी शामिल हैं। कहा भी गया है कि जब एक इंद्रिय में कमी होती है, तो अन्य इंद्रियाँ और भी प्रखर हो जाती हैं। यह बात यहां के विद्यार्थियों पर बिल्कुल सटीक बैठती है, जो संगीत के क्षेत्र में विशेष उपलब्धियाँ हासिल कर रहे हैं।

इस स्कूल के पूर्व छात्र और पिछले 11 वर्षों से संगीत शिक्षक के रूप में कार्यरत  विवेक टेलर बताते हैं कि विद्यालय में विद्यार्थियों को न केवल गायन, बल्कि कीबोर्ड, ऑक्टोपैड, हारमोनियम, सितार, तबला, ढोलक, बांसुरी और काजोन जैसे विभिन्न वाद्ययंत्र भी सिखाए जाते हैं। ये विद्यार्थी अखिल भारतीय गंधर्व महाविद्यालय से मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रमों के माध्यम से ‘विशारद’ जैसी उपाधियाँ प्राप्त करते हैं।

प्रज्ञाचक्षु विद्यार्थियों की सुनने की शक्ति सामान्य से अधिक होती है, जिसके कारण वे केवल सुनकर ही संगीत की जटिलताओं को समझने में सक्षम होते हैं। विवेकभाई बताते हैं कि कई बार ये बच्चे जो सिखाया जाता है उससे भी अधिक आत्मसात कर लेते हैं और मंच पर असाधारण प्रदर्शन करते हैं। उनका यह संगीत समूह अनेक शासकीय व निजी आयोजनों में प्रस्तुति देकर पुरस्कार और सराहना प्राप्त करता है।

संगीत ने न केवल इन बच्चों की प्रतिभा को संवारा है, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे भी बढ़ाया है। आज स्कूल के कई विद्यार्थी संगीत में विशेषज्ञता हासिल कर अपने पैरों पर खड़े हैं और अपने परिवार का सहारा भी बन चुके हैं।

स्कूल के ही कक्षा 11 में अध्ययनरत छात्र हिमेश रबारी, जो भविष्य में चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना चाहते हैं, कहते हैं, “संगीत मनोरंजन का सबसे सरल माध्यम है। आज के तनावपूर्ण माहौल में संगीत हर किसी के लिए मानसिक शांति और ताजगी का माध्यम है। यह आपके मूड को तुरंत हल्का और प्रसन्न बना देता है।”

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