बिजनेस

प्रोसेस किए स्टील स्लैग का उपयोग करके मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए एएम/ एनएस इंडिया का अभिनव प्रयास

प्रोसेस किए स्टील स्लैग से बने कंक्रीट ब्लॉक, और दीवारें प्राकृतिक उत्पादों से बने ब्लॉकों की तुलना में मिट्टी के कटाव के खिलाफ बेहतर सुरक्षा प्रदान करती हैं और किफायती और पर्यावरण के अनुकूल भी हैं

हजीरा, सूरत: आर्सेलर मित्तल और निप्पॉन स्टील के संयुक्त साहस और स्टील क्षेत्र के कंपनी आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया (एएम / एनएस इंडिया) के जो स्टील के उत्पादन के समय बड़े जत्थे में प्राप्त होने पर प्रोसेस किए स्टील के स्लेग का अभिनव उपयोग लेकर आया है। एएम / एनएस इंडिया की रिसर्च और डेवलपमेंट टीम ने प्रोसेस्ड स्टील स्लेग का उपयोग करके काँक्रीट प्री कास्ट ब्लॉक और टेट्रापोड बनाने की जानकारी देनेवाला डेमोन्स्ट्रेशन सूरत निकट उसके हजीरा प्लान्ट में किया गया। स्लेग आधारित टेट्रापोड का व्यापार के तहत उत्पादन शुरू करनेवाले सूरत आसपास के टेट्रापोड उत्पादकों को इसके बारे में जानकारी दी गई।

दीवारों को बनाए रखने और समुद्र तट की रक्षा के लिए ये ब्लॉक और टेट्रापोड काम में आने की संभावना है। प्रसंस्कृत स्टील स्लैग में प्राकृतिक समुच्चय की तुलना में 16% अधिक थोक घनत्व होता है, इसलिए कंक्रीट ब्लॉकों में उच्च घनत्व होता है और मिट्टी के कटाव को रोककर मिट्टी की सुरक्षा में बहुत उपयोगी हो सकता है।

रेत या बजरी जैसी प्राकृतिक सामग्री से बने ब्लॉकों की तुलना में मजबूत ताकत वाले प्रसंस्कृत स्टील स्लैग से बने ब्लॉकों में वजन के मुकाबले बेहतर आकार अनुपात और स्थायित्व होता है। इससे इसके उपयोग की लागत कम होती है। इसके अलावा, प्राकृतिक सामग्री के ब्लॉक की तुलना में स्टील स्लैग ब्लॉक साल भर उपलब्ध रहते हैं।

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर बोलते हुए, शिरशेंदु चट्टोपाध्याय, रिसर्च और डेवलपमेंट विभाग हेड , एएम/एनएस इंडिया ने कहा, हमारा उद्देश्य पर्यावरण के अनुकूल स्टील का उत्पादन करना है। इसलिए हम इस स्टील स्लैग का पुन: उपयोग करने के तरीकों के बारे में सोच रहे हैं। इस स्लैग से बने कंक्रीट प्री-कास्ट ब्लॉक एएम/एनएस इंडिया द्वारा स्टील स्लैग से मूल्य वर्धित उत्पाद बनाने के लिए व्यापक शोध का परिणाम हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि संसाधित स्टील स्लैग का उपयोग प्राकृतिक सामग्री से बने ब्लॉकों की तुलना में बेहतर तरीके से किया जा सकता है।”

वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और इंजीनियरों के अलावा विज्ञान और प्रौद्योगिकी से जुड़े सभी लोगों की सराहना करने के लिए हर साल 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का विषय “सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोण” है।

गुजरात की तटरेखा 1600 किमी है। राज्य के लिए समुद्री जल एक बड़ी चुनौती है। अनेक नदियों के जल से भू-क्षरण की स्थायी समस्या बनी हुई है। मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए मोटी दीवारें खड़ी करनी पड़ती हैं या इस कटाव को रोकने के लिए कंक्रीट ब्लॉकों का उपयोग किया जाता है। विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि मजबूत संरचनाएं बहते पानी के प्रभावों का प्रतिकार करने के लिए या जब पानी बहता है, मजबूत तरंगों का सामना कर सकती हैं। पानी की लहरों या धाराओं के खिलाफ मिट्टी के कटाव को रोकने में मजबूत सतह उपयोगी हो सकती है।

स्टील स्लैग से बने ब्लॉकों का उपयोग सूरत में कई जगहों पर व्यावसायिक आधार पर किया गया है, जिसमें पलसाना में एक टेक्सटाइल पार्क और पलसाना में एक औद्योगिक सहकारी सोसायटी शामिल है।

उन्होंने आगे कहा कि स्टील समुच्चय के उच्च घनत्व वाले कंक्रीट ब्लॉकों का उपयोग दीवारों, बैरक बंदरगाहों आदि के निर्माण में किया जा सकता है। इससे लागत तो कम आती ही है साथ ही निर्माण की गुणवत्ता भी बढ़ती है। इसके अलावा ग्राउंड ग्रेनुलेटेड ब्लास्ट फर्नेस स्लैग (जीजीबीएफएस) जो एक अन्य प्रकार का स्लैग पाउडर है, सीमेंट के बजाय 50% तक इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसे उपोत्पादों का उपयोग करके प्राकृतिक संसाधनों को पर्यावरण के अनुकूल विकल्प बनाकर बचाया जा सकता है।”

AM/NS India ने एक अनूठी स्टील स्लैग हैंडलिंग और प्रोसेसिंग यूनिट विकसित की है। जहां स्लैग को नियंत्रित तरीके से ठंडा किया जाता है। उनमें से धातु भाग को चुंबकीय विभाजकों की सहायता से मुक्त किया जाता है। और स्लैग समुच्चय के विनिर्देश के अनुसार विभिन्न आकारों में परिवर्तित किया जाता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button