
वित्त मंत्रालय द्वारा जीएसटी में व्यापारियों के कर विवादों के निपटारे के लिए एकमुश्त मौका देने के प्रस्ताव का कैट ने किया स्वागत
कल मीडिया के एक वर्ग में छपी एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) ने जीएसटी कर विवाद निपटान योजना पर विचार करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा व्यवसायों को विवादास्पद जीएसटी कर मामलों को निपटाने के लिए एक बार का अवसर प्रदान करने के प्रस्ताव पर विचार किये जाने का स्वागत किया है।
कैट राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इस पहल के लिए साधुवाद देते हुए कहा की उनका यह कदम जीएसटी के अंतर्गत अनावश्यक मुकदमेबाजी को समापत कर व्यापारियों को राहत देने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा। दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा की यह निश्चित रूप से ईमानदार एवं कर पालन करने वाले व्यापारियों को जिन्होंने किसी न किसी कारण से अनजाने में या कंप्यूटर सिस्टम में गड़बड़ियों के कारण गलतियां की थी, को बिना वजह के विवादों अथवा मुकदमेबाजी से बचाएगा।
ज्ञातव्य है की कैट ने पूर्व में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और जीएसटी परिषद से करदाताओं और व्यापारियों के बीच कर विवादों को समाप्त करने के लिए व्यापारिक समुदाय के लिए एक बार की एमनेस्टी योजना देने का आग्रह किया था। इस तरह के कदम से अनावश्यक मुकदमों का अंत भी होगा और अदालतों पर बोझ भी बड़ी मात्रा में दूर होगा।
खंडेलवाल ने वित्त मंत्रालय के इस कदम को एक बड़ा प्रयास बतात्ते हुए कहा की यह निश्चित रूप से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ-सबका विश्वास जैसे मूलमंत्र एवं इज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस के लक्ष्य को प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी सरकार और व्यापारियों दोनों के लिए एक नई कराधान प्रणाली है और पिछले पांच वर्षों में नै कर प्रणाली होने के कारण इस तरहकी वास्तविक गलतियाँ और चूक होना स्वाभाविक है और इस दृष्टि से कर विवादों को निबटाने के लिए एकमुश्त माफी योजना कानून का पालन करने वाले व्यापारियों को बड़ी मदद प्रदान करेगी।
हालांकि, इरादतन चूककर्ताओं और आदतन कर वंचना करने वाले व्यक्तियों को इस योजना ले लाभ से बाहर रखा जाना चाहिए क्योंकि कैट अथवा कोई भी व्यक्ति व्यवसाय करने के संबंध में किसी भी व्यक्ति के दुर्भावनापूर्ण इरादों या कार्य का समर्थन नहीं कर सकता है।कैट ने यह भी माँग की है की इसी आधार पर वैट के पुराने लंबित मामलों को समाप्त करने के लिए एक एमनेस्टी स्कीम भी लाई जाए।