जीवन में सफल होना चाहते हो तो भाग्य की बात छोड़कर पुरुषार्थ करो : आचार्य महाश्रमण
सरदार नगरी बारडोली में आचार्य श्री महाश्रमणजी के आगमन से जनता हुई हर्ष विभोर
शांतिदूत महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमणजी व्यारा, बाजीपुरा एवं अन्य क्षेत्रों में अध्यात्म की लौ जलाकर पदयात्रा करते हुए बारडोली पधारे । सरदार नगरी बारडोली में आचार्य श्री महाश्रमणजी के आगमन से श्रद्धालु भक्तजन हर्ष विभोर हो गये। निर्धारित दिन से एक दिन पूर्व आचार्य श्री के आगमन से कार्यकर्ताओं का उत्साह एवं आनंद चरम पर था। आज प्रातः पूज्यश्री अणुव्रत विश्वभारती के तत्वावधान में अणुव्रत समिति बारडोली द्वारा बाबेन गाँव में निर्मित अणुव्रत वाटिका में पधारे। वहाँ पर बच्चों के लिए निर्मित कीड़स ज़ोन का भी निरीक्षण किया। बाद में पूज्यवर बारडोली से एक किलोमीटर दूरी पर अस्तान गाँव स्थित पार्श्वनाथ एज्यूकेशन एंड वेलफेर ट्रस्ट द्वारा संचालित विक्रम साराभाई स्कूल में पधारे । पूज्यप्रवर के आगमन से स्कूल के ट्रस्टी एवं बच्चे हर्षविभोर थे। स्कूल के संचालकगण, शिक्षक एवं बच्चों ने अणुव्रत गीत के संगान से पूज्यवर का स्वागत किया।
वामदोत हाईस्कूल , बारडोली के प्रांगण में समाहित धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमणजी ने फरमाया – व्यक्ति को प्रमाद नहीं करना चाहिये। शास्त्रों में बताया गया है कि आलस्य मनुष्य का महान शत्रु है और पुरुषार्थ महान मित्र है । व्यक्ति को आलस्य के कारण आज का काम कल पर नहीं छोड़ना चाहिये क्योंकि कल को किसीने नहीं देखा है । इस दुनिया में अमरचन्द या अमरसिंह नाम के व्यक्ति खूब मिल जायेंगे , मगर अमर कोई नहीं रहता है । इसलिये कल का काम आज और आज का काम अभी कर लेने में ही समझदारी है । जो नसीब के भरोसें बैठे रहते हैं उनको बाद में पछताना ही पड़ता है । जीवन में सफल होना है तो आलस्य का त्याग करो । भाग्य के भरोसे नहीं रहकर विवेकपूर्ण पुरुषार्थ करो।
मुनि श्री दिनेशकुमारजी प्राग वक्तव्य में कहा – अहिंसा अमृत है। जहां अहिंसा है वहाँ करुणा है। अहिंसा है वहाँ शांति है। मनुष्य का शत्रु अहंकार है। अहंकार क्रोध को उत्पन्न करता है। अहंकारी व्यक्ति खुद को सर्वश्रेष्ठ मानता है, परंतु आखिर में अहंकार उसके पतन का कारण बनता है। तेरापंथ महिला मंडल, ज्ञानशाला, किशोर मंडल बारडोली द्वारा सुंदर परिसंवाद की प्रस्तुति दी गई ।
तेरापंथी सभा अध्यक्ष श्री महावीर दक, राजेन्द्रजी बाफना , सुशील सरनौत, अभातेयुप के उपाध्यक्ष जयेशभाई मेहता , महिला मंडल अध्यक्षा धर्मिष्ठा मेहता, तेयूप अध्यक्ष संजय बड़ोला एवं अन्य महानुभावों ने प्रासंगिक अभिव्यक्ति दी। अणुव्रत समिति अध्यक्ष राजेशजी चोरडिया तथा स्थानकवासी जैन समाज के श्री गेहरीलालजी बोहरा ने भी अपने विचार व्यक्त किये।