सूरत

4 लाख से अधिक विज़िटर ने लि फुडमेक एशिया एक्ज़ीबिशन की मुलाकात

320 से अधिक कंपनियों ने भाग लिया, 4 दिवसीय प्रदर्शनी में प्रगति के नए द्वार खोले

सूरत: फूडमैक एशिया का 14वां संस्करण संपन्न हो गया है और आयोजक इस वर्ष की प्रदर्शनी में लोगों और विभिन्न कंपनियों की प्रतिक्रिया पर बहुत भावुक प्रतिक्रिया दे रहे हैं। वनिता विश्राम में 17 से 20 जनवरी तक आयोजित फूडमेक सूरत के खाने-पीने के शौकीनों के लिए एक अनूठा गंतव्य बन गया। यह फ़ूड इंडस्ट्रीज़ , नए स्टार्टअप्स और फ़ूड इंडस्ट्रीज़ से जुड़ी अनुभवी कंपनियों और ब्रांडों दोनों के लिए वरदान बन गया है। इस बार 14वें संस्करण में देश-विदेश से लगभग 4 लाख लोगों ने भाग लिया।

जिसमें बिजनेस टू कस्टमर और बिजनेस टू बिजनेस को बहुत अच्छा प्रतिसाद मिला। पहली बार सूरत में एक ही स्थान पर आयोजित इस कार्यक्रम में 320 से अधिक कंपनियों ने भाग लिया, जिन्होंने खाद्य प्रसंस्करण मशीनरी, पैकेजिंग समाधान, बेकरी उपकरण, रसोई उपकरण और आतिथ्य सहित अन्य खाद्य ब्रांडों का प्रदर्शन किया।

विज़िटर्स विभिन्न मशीनरी और प्रौद्योगिकी को देखकर आश्चर्यचकित थे, साथ ही सूरत के खाने के शौकीनों द्वारा विभिन्न खाद्य ब्रांडों के लिए स्थापित निःशुल्क टेस्टिंग काउंटर पर भारी भीड़ भी थी। बेकरी, रेडी-टू-ईट, मसाले, अचार, फास्ट फूड और कम्फर्ट फूड सहित खाद्य पदार्थों के स्टॉलों ने ध्यान आकर्षित किया। इसके साथ ही, सरकारी घोषणाओं एवं योजनाओं तथा नये स्टार्टअप्स एवं स्थापित कम्पनियों के लिए उपलब्ध लाभ एवं लचीलेपन के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई। स्टॉल धारकों द्वारा हर जानकारी विस्तार से दी गई, जिससे लोगों को खाद्य उद्योग की ओर आकर्षित करने का प्रयास किया गया।

खाद्य उद्योग के हर पहलू का अध्ययन करने के बाद इतना बड़ा और सफल आयोजन संभव हुआ: पीयूष सालिया

ऐसे आयोजन देश भर के प्रमुख शहरों में होते हैं, लेकिन पिछले 10 वर्षों से सूरत जैसे संभवित बाजार और शहर में इस तरह की प्रदर्शनियों का सफलतापूर्वक आयोजन करना हमारे लिए बड़े गर्व की बात है। लोगों और कंपनियों की प्रतिक्रिया यह रही है कि फूडमेक एशिया सिर्फ एक शहर या देश तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे विश्व में संगठित है। खाद्य उद्योग पर लागू प्रत्येक पहलू के विस्तृत अध्ययन के बाद ही इतने बड़े पैमाने पर योजना बनाना संभव और सफल हो पाया है, जिसमें तकनीकी और गैर-तकनीकी पहलू भी शामिल हैं, साथ ही यह भी देखा गया है कि ग्राहक और सरकार किस प्रकार मदद कर सकते हैं।

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