सूरत

अब म्युकोर माइकोसिस का सूरत सिविल अस्पताल में भी होगा इलाज

शहर में कोरोना के बाद और एक नई आफत आयी है। कोरोना से रिकवर हुए लोगों में अब म्युकोर माइकोसिस बीमारी दिखायी दे रही है। इसका समय रहते इलाज नहीं किए जाने पर मरीजों को आंखे भी गंवानी पड़ सकती है। सूरत में 15 दिन के भीतर ऐसे 60 से अधिक केस सामने आए हैं, जिनमें 10 मरीजों की आंखें निकालनी पड़ी हैं। बीमारी की गंभीरता के मद्देनजर नई सिविल अस्पताल में पांच अलग-अलग विभागों के 10 डॉक्टरों की टीम बनाई गई है। जो आने वाले दिनों सिविल अस्पताल में आने वाले दिनों में म्युकर माइकोसिस के मरीजों का इलाज करेगी।

सूरत में कोरोना संक्रमित मरीज शहर के सरकारी और निजी अस्पतालों में कम आ रहे हैं। लेकिन जो मरीज पहले से ही इलाज करवा रहे हैं। उन्हें साइकोटाइम स्ट्रोम का खतरा है। ताकि डॉक्टरों द्वारा इसके खिलाफ स्टिरोइड का उपयोग किया जाता है। लेकिन संक्रमित मरीजां को स्टिराइड देने से रोग प्रतिकारक शक्ति कमजोर होने से म्युकर माइकोसिस का संक्रमण फैलता है।

कोरोना पॉजिटव और निगेटिव मरीजों में ऐसी ही एक बीमारी म्युकोर माइकोसिस के केस बढ़ रहे हैं। म्युकर माइकोसिस एक प्रकार का फंगल इंफेक्शन है, जो नाक और आंख से होता हुआ ब्रेन तक पहुंच जाता है और मरीज की मौत हो जाती है। कोरोना से संक्रमित होने के बाद मरीजों के आंख दर्द, सिर दर्द लक्षण पाए जाते है। चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना ठीक होने के बाद यह फंगल इंफेक्शन पहले साइनस में होता है और 2 से 4 दिन में आंख तक पहुंच जाता है। इसके 24 घंटे के भीतर यह ब्रेन तक पहुंच जाता है। इसलिए हमें आंख निकलनी पड़ती है। साइनस और आंख के बीच हड्डी होती है, इसलिए आंख तक पहुंचने में दो से ज्यादा दिन लगते हैं। आंख से ब्रेन के बीच कोई हड्डी नहीं होने से यह सीधा ब्रेन में पहुंच जाता है और आंख निकालने में देरी होने पर मरीज की मौत हो जाती है।

वर्तमान में सूरत सिविल अस्पताल में म्युकर माइकोसिस के एक से दो मरीजों का इलाज चल रहा है। लेकिन बीमारी बढऩे की संभावना सिविल डॉक्टरों द्वारा जतायी गई है। ऐसे मरीजों का इलाज करने की तैयारी भी शुरू कर दी गई है। मामले में अधिक मरीजों तक पहुंचने के लिए 10 डॉक्टरों की टीम बनाई गई है। टीम आने वाले दिनों में म्युकर माइकोसिस के मरीजों का इलाज शुरू करेगी। नई सिविल अस्पताल में मेडिसिन, न्यूरो सर्जरी, ईएनटी, एनेस्थीसिया और नेत्र के पांच विभागों के 10 डॉक्टर म्युकर मायकोसिस वाले मरीजों का इलाज करेंगे।

 

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