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कवि,लेखक एवं नाटककार पं ओंकार नाथ शुक्ल विद्रोही का निधन

मुंबई। प्रतिष्ठित कवि,लेखक एवं नाटककार पं. ओंकार नाथ शुक्ल विद्रोही का रविवार को 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह बीते कुछ महीनों से अस्वस्थ चल रहे थे। ओंकार नाथ शुक्ल जी मुंबई स्थित भायंदर ईस्ट में अपने पुत्र और परिवार के साथ रह रहे थे। जौनपुर जनपद के केराकत तहसील क्षेत्र स्थित बेहड़ा गांव के जमीदार घराने में जन्मे बहुमुखी प्रतिभा से सम्पन्न ओंकार नाथ शुक्ल मुंबई में अपनी पत्नी, पुत्र और पुत्रवधु के साथ गत कई वर्षों से मुंबई में रह रहे थे।

पिछले दो वर्षों से उन्होंने अपने कलम को विराम दे दिया था। रविवार दोपहर 12.15 बजे हृदय गति रुक जाने से उनका निधन हो गया। जिसकी जानकारी मिलने पर उनके परिजनों समेत क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। ओंकार नाथ ने अपनी बी.एड,एल.एल.बी. की पढ़ाई पूर्ण करने के साथ साहित्यिक गतिविधियों में सक्रिय रहे। जमींदार घराने में पैदा के होने के कारण उन्होंने कभी नौकरी या व्यापार की तरफ रुख नही किया। बेहड़ा गांव में कई वर्षों तक नाट्य कार्यक्रम, कवि सम्मेलन आदि सामाजिक साहित्यिक आयोजन करते रहे हैं। दो वर्ष पूर्व तक उन्होंने अपने लेखनी को जारी रखा।

उनकी बेबाक कलम हर विषय पर समान रूप से चली चाहे वह राजनीति, समाज, साहित्‍य हो या भाषा हो। काव्‍य लेखन में उनकी लेखनी का जोड़ नहीं था। उनके चाहने वाले उनके नई लेखनी को पढ़ने के लिए हमेशा ही ललायित रहते थे, उसे पढ़ ऐसा लगता था कि मानो सब कुछ आंखों के सामने तैर रहा हो। बड़ी शान और सौम्य जीवनकाल पूर्ण करने के बाद उन्होंने रविवार दोपहर को दुनिया को अलविदा कह दिया। ओमकार नाथ शुक्ला अपने पीछे पांच पुत्री व एक पुत्र कवि व अध्यक्ष हिंदी विभाग महर्षि दयानंद कालेज मुम्बई डॉ उमेश चन्द्र शुक्ल सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं।

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