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बिजली कटौती से परेशान ग्रामीण जनता, विद्यार्थियों को परीक्षा देने में बाधा

उदयपुर ( कांतिलाल मांडोत )। राजस्थान में इन दिनों बिजली कटौती से जनता त्राहिमाम पुकार रही है। राज्य सरकार की तरफ से शहरों में एक घण्टा और गांवो में तीन से चार घन्टे की बिजली कटौती की घोषणा की गई है। संसाधनों की कमी और बढ़ती खपत के कारण हर साल की तरह इस साल भी बिजली संकट की आहट सुनाई दे रही है। उदयपुर के कोटड़ा,गोगुन्दा और ओगना आदि क्षेत्रों में बिजली कटौती की शिकायत सिर चढ़ के बोल रही है।

ग्रामीण क्षेत्रो में लोगो को पता भी नही है कि बिजली कटौती क्यो की जा रही है। सरकार की क्या मजबूरी है। ग्रामीण विधुत मंडल के कार्यलय में फोन लगाते है तो कोई रिसीव नही किया जाता है। फोन रिसीव कर भी दिया तो किसी के पास संतोषजनक जवाब नही होता है। वे कहते है बिजली ऊपर से बंद है। जिससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। गांवो में हररोज ट्रिपिंग की समस्या से ग्रामीण बहुत परेशान है। लोगो का व्यवसाय प्रभावित हो रहा है।

ग्रामीण क्षेत्रो की विधुत व्यवस्था चरमराई हुई है। लोगो को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है ,जिससे आक्रोश बढ़ रहा है। तपती दोपहर को भोजन के समय और शाम को भोजन बनाने के समय बिजली कटौती से ग्रामीण क्षेत्र के लोगो को परेशानी हो रही है।बढ़ती गरमी और तेज धूप से उमस बढ़ी है। इसमें लोगो को पसीने छूटते है। हररोज बिजली गुम रहने से ग्रामीण काफी परेशान है। इन गरीब लोगों के पास आर्थिक स्थिति ठीक नही है कि कोई वैकल्पिक व्यवस्था कर सके।

क्षेत्र में घरो और उधोगो को बिजली के लाले पड़ रहे है। मुख्य समस्या कोयले की कमी के कारण आ रही है। बिजली उत्पादन में कमी होने से बिजली कटौती में इजाफा किया गया है। उत्पादन किन कारणों से कम हो रहा है। कोयले की कमी के बाद व्यवस्था सुधरी है और राजस्थान में 13 प्रतिशत बिजली उत्पादन बढ़ा है फिर ग्रामीण क्षेत्रो में सौतेला व्यवहार क्यो किया जा रहा है। बिजली की कमी से उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है और गांवो में मिलने वाली बिजली नाकाफी है। निजी उधोग धंधे से आय के स्त्रोत भी प्रभावित हुए है।

ग्रामीण फीडर में ट्रिपिंग और घोषित बिजली कटौती के बाद सात से आठ घन्टे बिजली कटौती की जाती है। सुबह, दोपहर और शाम को बिजली कटौती से लोग परेशान है। ग्रामीण फीडर में गत दिन सात बजे बिजली गुल हुई थी। उसके बाद रात साढ़े बारह बजे बिजली की सप्लाई की गई। स्कूल में परीक्षा चल रही है और बिजली के बाद पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

मनीषा ने बताया कि परीक्षा के दौर में बिजली सप्लाई बराबर की जाए।सायरा के दिनेश ने बताया कि पंखा नही चलता है तो ग्राहक भी दुकान में प्रवेश नही करते है।

नानालाल सुथार का कहना है कि बिजली नही है तो लकड़ी का व्यवसाय प्रभावित होता है। हमारे रोज के चार कारीगरों को वेतन देना पड़ता है।

भानपुरा के राघवेंद्र सिंह ने बताया कि हमारी नास्ते की दुकान है इसमें बिजली के अभाव ने ग्राहकी मंद रहती है।गोगुन्दा के भेरूलाल जोशी का कहना है कि दिन को बिजली की आंख मिचौनी से बच्चो की परीक्षा प्रभावित हो रही है।

नरसिंहपुरा वास से रमेश जैन ने कहा कि बिजली कटौती परेशानी का सबब बनता जा रहा है।

इनका कहना है

बिजली का संचालन जयपुर से हो रहा है।इस समस्या को लेकर हम भी परेशान है। अभी आगामी दिनों में करीब एक महीने तक बिजली की समस्या रह सकती है। क्षेत्र की जनता से अनुरोध है कि संयम रखें। लोडिंग बढ़ने से जयपुर से निर्देश आता है। उसके मुताबिक संचालन होता है। हमारी पूरी कोशिश रहती है कि लोगो को बिजली सप्लाई बराबर की जाए

– वीरेंद्र मीणा कनिष्ठ अभियंता गोगुन्दा विधुत विभाग

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