
संत लोकेशानंद पहुंचे उदयपुर, बताई सत्संग की महिमा
उदयपुर ( कांतिलाल मांडोत ) श्री नारायण भक्ति पंथ के प्रवर्तक संत लोकेशानंद महाराज अपने 3 दिवसीय प्रवास पर शनिवार को उदयपुर पहुंचे। प्रवास के पहले दिन संत श्री ने पुलां स्थित कुमावत भवन में सत्संग ओर भजन किया। सत्संग के दौरान नारायण भक्ति पंथ मेवाड़ के अध्यक्ष बालू सिंह कानावत, सचिव योगेश कुमावत, पंथ के सेवक व दीक्षार्थी छगन कुमावत ने संत श्री को उपरणा ओर कन्हैयालाल कुमावत द्वारा माल्यार्पण किया गया इसके साथ ही दिनेश कुमावत द्वारा श्री नारायण की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया।
सत्संग के दौरान संत श्री की मधुर वाणी में श्री नारायण भजनों पर जहां भक्तगण झूम उठे तो वही संत श्री ने सत्संग की महिमा बताते हुए कहा की
सत्संग समय पर करना चाहिए, वर्षा का समय चल रहा है, जगह जगह अलग अलग बाते चलती है, वर्षा देर से आए तो उसका मतलब नही, तब तक फसले खराब हो जाती है। सत्संग की वर्षा जीवन मे होनी चाहिए, ऊपर की वर्षा अपने हाथ मे नही है, लेकिन इस प्रभु के सत्संग की वर्षा में स्वयं को डुबो देना अपने हाथ है। उन्होंने कहा कि समय से भक्ति किजिये। बुढापा आने के बाद लोगो को सत्संग याद आता है। पर फिर बेठा नही जाता, ध्यान नही लगता।
सब यही सोचते है की जीवन मे दुख नही आये लेकिन दुख अवश्य आएगा, अब उसको दूर कैसे करना है इसका मार्ग है श्री नारायण की भक्ति ओर सत्संग।