धर्म- समाज

श्रीहरि सत्संग समिति का 2025 तक चार लाख वनवासी गांवों में भारतीय संस्कार और संस्कृति पहुंचाना लक्ष्य

देश के 28 शहरों के प्रतिनिधियों सहित नेपाल के लोगों ने लिया भाग, सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने मन मोहा

सूरत। भारतीय संस्कार, संस्कृति और शिक्षा के प्रचार प्रसार के लक्ष्य के साथ श्रीहरि सत्संग समिति द्वारा आगरा में फतेहाबाद रोड स्थित होटल स्विच ग्रांड में वनवासियों के उत्थान को समर्पित दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय समन्वय समिति बैठक का आयोजन किया गया। जिसमे देश भर के 28 शहरों सहित नेपाल के तीन चैप्टर के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।

कार्यक्रम का शुभारम्भ समिति के राष्ट्रीय संरक्षक एसएन कावरा, राष्ट्रीय अध्यक्ष सीए महेश मित्तल, प्रकल्प प्रभारी मानवेन्द्र, महामंत्री अनिल मानसिंहका ने भारत माता व स्वामी विवेकानन्द की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

राष्ट्रीय अध्यक्ष सीए महेश मित्तल ने बताया कि समिति द्वारा देश के 55 हजार गांव में वनवासी कल्याण के लिए कार्य किए जा रहे हैं। 2025 तक देश के चार लाख वनवासी गांव तक भारतीय संस्कार और संस्कृति को पहुंचाना और उन्हें मुख्य धारा से जोड़ना लक्ष्य है। इसके लिए संस्कार केन्द्र व रथ योजनाएं चलाई जा रही हैं।

इस अवसर पर 28 शहरों से आए प्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्र की योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। उत्कृष्ठ कार्य करने वाले शहरों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर पुरस्कृत किया गया। अतिथियों का स्वागत संरक्षक भगवान दास बंसल व धन्यवाद ज्ञापन संजय गोयल ने दिया।संचालन रुचि अग्रवाल ने किया।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों में झलकी भारतीय कला और संस्कृति

आयोजन में श्रीकृष्ण, रुक्मणी और सत्यभामा की श्रीकृष्ण को तराजू में तोलने की कथा के मंचन ने सभी अतिथियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। आगरा महिला समिति की सदस्याओं द्वारा कथा के मंचन ने संदेश दिया कि भगवान को धन दौलत नहीं बल्कि भाव और श्रद्धा से ही प्राप्त किया जा सकता है। वहीं सदस्याओं द्वारा प्रस्तुत महारास ने ब्रज की कला और संस्कृति से अवगत कराया। वनवासी कथाकारों द्वारा भवन प्रस्तुत किए गए।

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