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सूरत : वराछा में पास नेता अल्पेश कथीरिया और आप अध्यक्ष गोपाल इटालिया की किस्मत का होगा फैसला

2022 के गुजरात विधानसभा चुनाव में सूरत की 12 सीटों में से दो सीटों पर आप और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला है, जबकि एक सीट पर बीजेपी-आप और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। इस चुनाव में सूरत के कतारगाम में आप अध्यक्ष गोपाल इटालिया और वराछा में पास नेता अल्पेश कथीरिया की किस्मत का फैसला होगा, जबकि चुनौती कांग्रेस नहीं बल्कि भाजपा मंत्री विनोद मोरडिया, मंत्री मुकेश पटेल और पूर्व मंत्री कुमार कानानी के खिलाफ आप से होगी।

विधानसभा चुनाव के लिए मतदान संपन्न होने के बाद मंत्री विनोद मोरडिया और मंत्री मुकेश पटेल ने इस सीट पर भारी बहुमत से जीत दर्ज करने का दावा किया है, वहीं पूर्व मंत्री कुमार कानानी ने भी जीत का दावा किया है। हालांकि, सूरत की 12 में से ओलपाड सीट पर बीजेपी-कांग्रेस और आप के बीच सीधा मुकाबला है। सहकारी क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस दोनों उम्मीदवार मजबूत हैं, जबकि आपका उम्मीदवार पाटीदार आंदोलन का नेता है।

अगर पाटीदार आंदोलन के नेता और ओलपाड धार्मिक मालवीय से आप उम्मीदवार पाटीदार निर्वाचन क्षेत्र से अधिक वोट लेते हैं, तो गणना अब या तो मंत्री मुकेश पटेल एक छोटी सी बढ़त के साथ जीतती है या कांग्रेस जीतती है। तो नतीजे का सीधा असर इस बात पर पड़ेगा कि आपको इस सीट से कितने वोट मिलते हैं। लोग कहते हैं कि आप इस सीट को नहीं जीत पाएगी लेकिन यह तय है कि वह भाजपा या कांग्रेस को हरा देगी। लोग कुछ भी कहें लेकिन असल सच्चाई कल ईवीएम खुलने के बाद ही पता चलेगी।

इसी तरह कतारगाम सीट हाईप्रोफाइल सीट है जहां पर बीजेपी के मंत्री विनोद मोरडिया हैं जबकि आप के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया हैं। कांग्रेस ने ओबीसी कार्ड का इस्तेमाल कर प्रजापति प्रत्याशी कल्पेश वरिया को मैदान में उतारा है। मंत्री मोरडिया ने दावा किया है कि इस सीट पर बीजेपी भारी मतों से जीत दर्ज करेगी। बीजेपी के हिसाब से प्रजापति वोटर पाटीदार वोटर्स बीजेपी के साथ हैं इसलिए जीत का अंतर बढ़ जाता है। वहीं केजरीवाल ने लिखित दावा किया कि इस सीट पर इटली की जीत होगी। अब इस सीट पर भी प्रजापति वोट तय करेगा कि दोनों में से कौन प्रत्याशी जीतेगा।

आक्रामक पाटीदार आंदोलन के नेता अल्पेश कथीरिया सबसे ज्यादा पाटीदार वोटर वाली वराछा विधानसभा सीट से मैदान में हैं, जबकि पूर्व मंत्री कुमार कानानी मैदान में हैं। कहा जा रहा है कि चाचा-भतीजे के बीच मुकाबला काफी अहम होगा और जो भी उम्मीदवार जीतेगा वह कम अंतर से जीतेगा। इस सीट पर कांग्रेस के पपन तोगड़िया चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन उन्होंने सिर्फ नाम के लिए चुनाव लड़ा है, वह किसी मुकाबले में नजर नहीं आ रहे हैं और कहा जा रहा है कि उनके लिए अपनी जमानत बचाना मुश्किल होगा। सूरत की इकलौती वराछा सीट आपको सबसे ज्यादा उम्मीद देती है। इस सीट पर भी वोटर आखिर तक कोई फैसला नहीं करते लेकिन कल इस सीट पर चाचा या भतीजा जीतेंगा यह फाइनल होगा।

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