सूरत : पाल में होगा अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा एवं महिला परिषद का दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन 27 से
आजकल व्यक्ति को निर्वाह में ही रस : मनितप्रभजी म. सा
सूरत (गुजरात) : भारत का सबसे समृद्ध राज्य गुजरात और गुजरात राज्य का सबसे समृद्ध तथा विश्व में डायमंड और सिल्क सिटी के नाम से मशहूर सूरत शहर वर्तमान में धर्म और अध्यात्म नगरी के रूपी में भी ख्यापित हो रहा है। श्री कुशल कांति खरतरगच्छ भवन में युग दिवाकर खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा इस नगरी में अपना भव्य चतुर्मास कर रहे हैं। इस अवसर का लाभ प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी की निश्रा में विद्वान शिष्यों के साथ लगभग 17 साधु भगवंत और 8 साध्वीजी भगवंत 25 ठाणा का भव्य ऐतिहासिक साधना- आराधना से भरपूर चातुर्मास हो रहा है।
शहर के पाल में श्री कुशल कांति खरतरगच्छ जैन श्री संघ पाल स्थित श्री कुशल कांति खरतरगच्छ भवन में बुधवार 25 सितंबर को मनितप्रभजी म. सा ने प्रवचन में कहा कि चक्रवती को भी संयमवती की धूल अपने माथे पर लगानी पड़ती है। थोपा हुआ गुण शाश्वत नहीं है। गुण तो वह है, जो भीतर से पैदा हो। आजकल व्यक्ति को निर्वाह में ही रस है। जीवन में सादगी नहीं तो ताजगी कहा से आएगी। व्यक्ति को जीवन में सादगी लानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जो साधारण होगा वह परमात्मा के नजरों में असाधारण होगा। असाधारण होगा वह परमात्मा के नजर में साधारण होगा। श्री कुशल कांति खरतरगच्छ जैन श्री संघ पाल द्वारा मेहमानों बहुमान किया गया।
दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन 27 से
श्री कुशल कांति खरतरगच्छ भवन में पाल में संघशास्ता वर्षावास राष्ट्रीय अधिवेशन अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद एवं अखिल भारतीय खरतरगच्छ महिला परिषद द्वारा आचार्य जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी के पावन निश्रा में 27 और 28 सितंबर को होगा। जिसमें पूरे भारत भर से अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद एवं अखिल भारतीय खरतरगच्छ महिला परिषद से सदस्य शामिल होंगे। वहीं ज्ञान वाटिका का आयोजन 29 को होगा।