सूरत

सूरत के लेखक आशीष भालानी ने 30 घंटे, 30 मिनट और 30 सेकंड राम नाम की सिग्नेचर के साथ गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया

एक ही बैठक में हैप्पी हनुमान चालीसा की पुस्तिका पर 30 हजार से अधिक राम नाम के हस्ताक्षर कर इतिहास रच दिया

सूरत: बुक सिग्नेचर मैराथन में अमेरिका नहीं भारत का नाम आएगा। क्योंकि, सूरत के जाने-माने लेखक आशीष भालानी ने एक बार में 30 घंटे, 30 मिनट और 30 सेकंड राम नाम पर हस्ताक्षर करके गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। लेखक ने 2 वर्ष से अधिक समय तक हनुमानजी पर शोध करके एक अनोखी हनुमान चालीसा बनाई है। जिसमें प्रत्येक चोपाई का विस्तार से विश्लेषण और समाज के लिए सनातन धर्म के ग्रंथों का संदर्भ तैयार किया गया है ताकि लोग सभी प्रश्नों को हल कर सकें और प्रत्येक चोपाई पर एक चित्र बनाकर महानता के साथ एक अद्भुत रचना कर सभी को हनुमानजी से जोड़ने का उद्देश्य है।

 अमेरिकी महिला लेखिका का तोड़ा रिकॉर्ड्

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में आखिरी रिकॉर्ड 4-5 मई, 2024 को एक अमेरिकी महिला लेखिका फॉन वीवर ने अपनी किताब पर 24 घंटे 35 मिनट 13 सेकंड तक लगातार हस्ताक्षर करके दर्ज किया था। लेकिन सूरत के रहने वाले लेखक आशीष भालानी ने किताब पर अधिक बार भगवान राम का नाम लिखा जा सके इसके लिए उनके हस्ताक्षर को बदलकर राम नाम कर दिया है। इस पुस्तक में भारत के साथ-साथ विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के महत्व को भी देखा गया है।

विश्व को इंडियन मैनेजमेंट और स्पिरिच्युअल सोल्युशन मिलेगा

समाज में हनुमान की सराहना बढ़ाने के उद्देश्य से लेखक आशीष भालानी द्वारा हैप्पी हनुमान एवं पिंगैक्स इंडस्ट्रीज का निर्माण किया गया है। पिंगैक्स इंडस्ट्रीज के चेयरमैन शाकप रामानी ने कहा, लेखक आशीष भालानी की हनुमानजी के प्रति अगाध आस्था है। इसी कारण हनुमानजी ने यह अद्भुत कार्य किया है। इसीलिए, युवाओं, बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, परिवार के सदस्य एक अकल्पनीय रचना करने में सक्षम हुए हैं, जिसमें व्यापार, रिश्ते, प्रबंधन, ताकत, बुद्धि, ज्ञान सब कुछ हासिल किया जा सकता है।

इसके अलावा रामानी ने कहा कि इस पुस्तक के माध्यम से भागवत गीता, रामचरितमानस और वेदपुराणों से प्रबंधन के नियम बताकर जीवन में व्यवसाय प्रबंधन, पारिवारिक समस्याओं, रिश्ते की समस्याओं का समाधान आसानी से पाया जा सकता है। और हनुमानजी को बल, बुद्धि, विद्या के साथ-साथ साहस, शक्ति, भक्ति और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। वे सभी व्याख्याएँ सचित्र रूप में प्रकाशित हैं जिन्हें हम हैप्पी हनुमानजी पुस्तिका पढ़कर भली प्रकार समझ सकते हैं।

हनुमान चालीसा को चार भागों में बनाया

ज्ञातव्य है कि आधुनिक युग में लेखक ने चिकित्सा के रूप में हनुमान चालीसा को चार भागों में बनाया है ताकि लोग किसी भी पुस्तक को पढ़ने के साथ-साथ अपने जीवन में उसका अनुकरण भी कर सकें। हनुमान चालीसा चौपाई बच्चों से लेकर बड़ों से लेकर माताएं-बहनें तक आसानी से समझ सकती हैं और चित्रों के साथ चित्र भी जुड़े हुए हैं और इसमें अलग-अलग चुनौतियाँ दी गई हैं, हनुमानजी के गुणों को जीवन में उतारा जा सकता है और बच्चे इनमें रंग भर सकते हैं चित्र और चोपाई को बचपन से ही समझकर आत्मसात किया जाता है।

किताब के पन्ने को सजावट करने का अनोखा विचार

जिस किसी को भी किसी किताब का थोड़ा सा भी फटना पसंद नहीं है, मैं कहता हूं, हमारी किताब फाड़ दो, क्योंकि हमारी किताब में तस्वीरें हैं, जो हनुमान चालीसा की प्रतिष्ठित तस्वीरें हैं। आप फोटो को फाड़कर उसे फ्रेम करके अपने घर या ऑफिस में सजावट के तौर पर लगा सकते हैं। वैसे तो किताब घर के एक कोने में ही पड़ी रहेगी लेकिन अगर आप किताब के पन्नों को फ्रेम करके घर की दीवार पर लगा देंगे तो इसका भी अच्छा उपयोग होगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button