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दुनिया में भारत की पहचान बनाने में अहम भूमिका निभाएगा कपड़ा उद्योग : दर्शना जरदोश

केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री दर्शनाबेन जरदोश ने चैंबर के 'सीटेक्स एक्सपो- 2013' का उद्घाटन किया

सूरत। द सदन गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और सदन गुजरात चैंबर ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट सेंटर की  संयुक्त पहल 7, 8 और 9 जनवरी, 2013 को सुबह 10:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक तीन दिवसीय ‘सीटेक्स – सूरत इंटरनेशनल टेक्सटाइल एक्सपो- 2023’ का आयोजन सरसाना स्थित सूरत इंटरनेशनल एक्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर में किया गया है। शनिवार को सुबह 10:00 बजे CTEX प्रदर्शनी का उद्घाटन केंद्रीय कपड़ा और रेलवे राज्य मंत्री दर्शनाबेन जरदोश ने किया, जो CTEX एक्सपो में मुख्य अतिथि और उद्घाटनकर्ता के रूप में पहुंचीं।
गुजरात के उद्योग मंत्री बलवंतसिंह राजपूत ने CTEX

एक्सपो के उद्घाटन समारोह में विशेष अतिथि के रूप में इस अवसर की शोभा बढ़ाई। गुजरात के गृह मंत्री  हर्ष सघवी, बांग्लादेश के उप उच्चायुक्त चिरंजीब सरकार, भारत सरकार की कपड़ा सचिव रचना शाह (आईएएस), गुजरात राज्य उद्योग आयुक्त डॉ. राहुल गुप्ता (आईएएस), विधायक संदीप देसाई और सूरत नगर स्थायी समिति के अध्यक्ष परेश पटेल विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इसके अलावा टेक्सटाइल कमिश्नर ऑफ इंडिया रूप राशि भी मौजूद थीं।

चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष हिमांशु बोडावाला ने कहा कि भारत के केंद्रीय कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने कपड़ा उद्योग से वर्ष 2030 तक देश के कपड़ा निर्यात को 100 अरब अमेरिकी डॉलर तक ले जाने का आह्वान किया है। इससे कपड़ा निर्यात को बढ़ाने की दिशा में मदद मिलेगी। इसके अलावा, भारत सरकार ने अमेरिकी, यूरोपीय और अफ्रीकी देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं और अन्य देशों के साथ एफटीए करने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि अन्य देशों के साथ व्यापार समझौते से वस्त्रों के निर्यात को बढ़ाने में मदद मिलेगी।वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी होने और निर्यात बढ़ाने के लिए, कपड़ा निर्माताओं को विपणन ज्ञान, उत्पाद ज्ञान, प्रौद्योगिकी, उत्पाद नवाचार, गुणवत्ता आश्वासन प्रक्रिया और लागत रणनीतियों का ज्ञान होना आवश्यक है। चैंबर की सीटीईएक्स प्रदर्शनी में उद्योगपतियों को कपड़ा मशीनरी में नवीनतम तकनीक पर सीधा मार्गदर्शन मिलेगा। इस मशीनरी में निवेश कर टेक्सटाइल में गुणवत्तापूर्ण उत्पादन किया जा सकता है, जिसे वैश्विक बाजार में निर्यात किया जा सकता है।

केंद्रीय कपड़ा और रेल राज्य मंत्री दर्शनाबेन जरदोश ने कहा कि कपड़ा उद्योग को वैश्विक बाजार पर कब्जा करने की योजना बनानी होगी। वित्त, कपास के बीज उत्पादन, एमएसएमई बैंकिंग को एकीकृत और आगे बढ़ाना होगा। कपड़ा उद्योग में संपूर्ण मूल्य श्रृंखला को एकीकृत करके आगे बढ़ाना होगा। कपड़ा उद्योग के लिए फंड 400 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। जिसमें रिसर्च पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। उत्पादन के साथ-साथ विपणन की दिशा में और अधिक प्रयास करने होंगे।

चूंकि रेडीमेड गारमेंट्स और टेक्निकल टेक्सटाइल्स में काफी संभावनाएं हैं, इसलिए इंडस्ट्री को इस दिशा में प्रयास करने होंगे। 70 फीसदी महिलाएं हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट में काम कर रही हैं। कपड़ा उद्योग पर देश की आत्मनिर्भरता की बड़ी जिम्मेदारी है, इस प्रकार कपड़ा उद्योग दुनिया में भारत की पहचान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। कपड़ा उद्योग को अब रेशम का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात बनने का प्रयास करना है। कश्मीर और यूपी आदि राज्यों में देखा जाने वाला रेशम का बागान अब नवसारी में भी होने लगा है।

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