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राजस्थान सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं के तहत गरीबो को मिल रहा है फायदा
उदयपुर-(कांतिलाल मांडोत ) राजस्थान अशोक गहलोत सरकार ने गरीब और बेसहारा लोगो के लिए राज्य सरकार का खजाना खोल दिया।अशोक गहलोत सरकार गरीबों की मसीहा रही है।चुनावी सभा ने राहुल गांधी ने किसानों के कृषि ऋण माफ करने की घोषणा की थी।वो गहलोत सरकार ने बखूबी वादा पूर्ण किया है।राज्य सरकार के बीपीएल और स्टेट बीपीएल परिवारों के लिए एक रुपये किलो गेंहू देकर लाखो परिवारों को मददगार बनी है।इस योजना में एक करोड़ 74 लाख गरीब परिवारों को सीधा लाभ दिया गया है।इसके तहत सबसे महत्वपूर्ण योजना का अमल किया गया है जिसमे मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना है,जिसमे दिल,सांस की नली और केंसर जैसी असाध्य बीमारी का इलाज संभव हुआ है।यह राज्य सरकार की उपलब्धि कही जा सकती है।
मुख्यमंत्री युवा संबल योजना बेरोजगारी के मासिक भत्ते में बढ़ोतरी की गई है।जिसमे लड़की और लड़के को तीन और 3500 के हिसाब से रकम अदा की जाती है।दूध उत्पादक योजना में 2 प्रतिशत की वृद्धि कर प्रदेश के आठ लाख किसानों को लाभ पहुँचाया गया है।पेंशनर्स का वेतन प्रतिमाह एक हजार देने की स्वीकृति के साथ ग्रामीणों को पेंशन योजना की आयु सीमा निर्धारित कर लाखो लोगो को फायदा दिया जा रहा है।वृद्धाश्रम के लाभ के बाद कृषक ऋण माफी योजना में सम्पूर्ण बकाया अल्पकालिक कृषि ऋणों को माफ कर 25 लाख किसानों को फायदा दिया जाने का श्रेय मुख्यमंत्री को जाता है।राजीव गांधी जल संचय योजना की घोषणा मुख्यमंत्री ने बजट के दौरान की थी।इस योजना में जल संचय करने का मुख्य उद्देश्य है और जल सरंक्षण के लिए सरकार का मुख्य उद्देश्य लोगो का जागरूक करना है।राजस्थान में हर वर्ष पानी की कमी सभी परिवार को खलती है।गहलोत ने शहरी क्षेत्रों में मासिक 15 हजार लीटर पानी को खपत वाले परिवारो को पानी मुफ्त देने की योजना साकार की और इसीके अनुरूप गांवो में भी पानी का बिल सरकार ने माफ किया।केंद की आयुष्यमान भारत योजना और भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना को एकीकृत कर एक करोड़ दस लाख लोगों को लाभ पहुंचे उसके लिए सरकार कटिबद्ध है।
महात्मा गांधी आदर्श ग्राम योजना में गाँधीवादी मूल्यों के साथ विकास किया जा रहा है।गहलोत ने उन गरीब माताओ के लिए प्रियदर्शिनी योजना अमल में लाकर दूसरी संतान होने पर छह हजार की राशि देने की योजना लागू की है।जो गांधी के जन्म दिवस पर प्रदान किये जाते है।कृषि में नए निवेश के लिए राज्य सरकार की योजना से धार योजना अमल में लाई गई है।किसानों की आमदनी में वृद्धि करना, कृषि में सूचना प्रधोगिकी करण को बढ़ावा देना और उत्पादकों को ब्रांड राजस्थान को दुनिया मे पहुचाने का नवाचार उपलब्ध होगा।निरोगी राजस्थान अभियान के तहत मिलावट खोरो और नशा मुक्ति के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है।कुपोषित माँ अभियान में महिलाओं को मेडिकल ट्रीटमेंट और अनाज आदि की मदद की जा रही है। कांग्रेस के दिग्गज और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में तीन बार मुख्यमंत्री पद पर आरूढ़ हुए है।सभी के प्रति हमदर्दी रखने वाले गहलोत को गरीबो से बहुत लगाव रहा है।राजस्थान में विधायको के खरीद फरोख्त के मामले में भाजपा की कूटनीति को भांप कर उन्होंने भाजपा को करारा झटका देकर हाई लेवल के ड्रामा को चुटकी बजाते पार कर दिया।आदिवासी सहरिया समुदाय के लोगो की असमय मौत हो रही थी उस समय राजस्थान सरकार ने इस मुद्दे को एक महीने से अधिक समय तक सुलझाए रखा।इसका श्रेय कांग्रेस को जाता है।वसुन्धरा राजे ने उसी क्षेत्र से सांसद रही थी ,लेंकिन गरीब आदिवासी लोगो की तरफ ध्यान नही दिया गया।
गरीबो के लिए कांगेस के नेताओ की हमेशा मंशा रही है कि उनको रोजगार मिले।अशोक गहलोत भी गरीबो और बेसहारा लोगो के दुःख दूर करने के लिए अपने प्रदेश में कई योजना चलाई है।गोगुन्दा विधानसभा क्षेत्र की बात करे तो जनजन के लाडले पूर्व मंत्री मांगीलाल गरासिया गोगुन्दा से तीन बार विधायक चुने गए है।मांगीलाल गरासिया ने आदिवासी बहुल क्षेत्र भोमट में शिक्षा को उच्च स्तर पर पहुचाने का भरपूर प्रयत्न किया।उनके कार्यकाल के दौरान आदिवासियों के उत्थान के लिए सहयोग प्रदान कर रहे है।हरफनमौला गरासिया ने विकास योजनाओं को लेकर पीएचडी की है।जंगल क्षेत्र में जहाँ ऊबड़खाबड़ मार्गो पर चलना मुश्किल था ।उन रास्तो को डामरीकरण से जोड़कर गांवो में मिशाल पेश की है।शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और परिवहन जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है।हर गांव में स्कूले और गांव ढाणी में बच्चों की शिक्षा व्यवस्था से चार चांद लगा दिया है।विधायक मांगीलाल गरासिया पहली बार कांग्रेस की टिकट पर 1998 में विधायक बने थे।दूसरी बार 2003 में जनता ने वापस उनको चुना।इनके प्रयास ने आदिवासी बच्चो के दिल मे पढ़ाई की इच्छा जागृत हुई और आज कॉलेज में डिग्री लेकर सरकारी पद पर आरूढ़ है।गोगुन्दा क्षेत्र में विकास की पटरी पर गाड़ी दौड़ती चली गई ,जो आज दिन तक विकास की लौ जल रही है।
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