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ज़ीरो से हीरो बने सफल उद्योजक रवि राजपूत की कहानी जो सबको प्रेरणास्रोत है…

“सफलता श्रम और जिद की दासी होती है।” इस उक्ति को प्रत्यक्ष जीकर मूर्त स्वरूप देनेवाले व्यक्ति है रवि राजपूत…!

आज सूरत (गुजरात) में सफल उद्योजक माने जानेवाले रवि राजपूत जी की कहानी अनेक संघर्ष से भरी पड़ी है, लेकिन सफलता संघर्ष से हार न माननेवाले का दरवाजा जरूर खटखटाती है।

रवि राजपूत जी महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले के एक छोटे से गाँव “देउर”से है। 12 वी की परीक्षा भी देना जिस लड़के के लिए आर्थिकरूप से संभव नही था, जो लड़का वह व्यक्ति 2001 में केवल 60 रुपिया लेकर सूरत आये आज वही सूरत में एक सफल उद्योजक बनकर सबके लिए एक प्रेरणास्रोत बने है।

2001 में सूरत आये तब उन्होंने एक साड़ी की शॉप में टीबॉय का काम किया और यही से उनका सफर शुरू हुआ…और जो लड़का 2001 में सूरत में केवल 60 रुपिया लेकर आया था, जिसने साड़ी की शॉप में चाय बाटने के काम किया वह लड़का आज “रवि राजपूत” के नाम से एक सफल उद्योजक बनकर सूरत में टेक्सटाइल मार्किट में चार दुकान के मालिक है और वार्षिक 40 करोड़ के व्यवहार के साथ लगभग 1000 लोगो को वर्तमान में सूरत शहर में रोजगार मुहैया करवा रहा है। आज उनका पूरे देश में व्यापार फैल गया। हर राज्य के मेट्रो और मिनी मेट्रो शहरों में उनका कपड़ा जाता है। उनके जीवन में कई चढ़-उतार आए लेकिन उन्होंने हौसला बरकरार रखा। व्यापार की रणनीति बदल दी और उसके बलबूते पर आज अपना एम्पायर खड़ा किया है।

जो व्यक्ति आजसे 20 से 22 वर्ष पहले खुद निसहाय महसूस करता था आज वही सूरत में अनेक सामाजिक कामों में सदा आगे रहते है। कोरोनकाल के लॉकडाउन में गरीब-कमजोर वर्ग की बिना किसी अपेक्षा से की सेवा बहुत प्रशसनीय रही। उनका समाज के प्रति सेवाभाव उनकी पहचान है। सूरत में अलग अलग राज्य से स्थांतरित होकर आए नव युवकों को रवि राजपूत जी एक आइडियल पर्सनालिटी है।

आपने बचपन के दिनों को याद को याद करते हुए रवि राजपूत जी कहते है कि बचपन विपरित परिस्थितियों में गुजरा। बचपन से ही घर की आर्थिक परिस्थिति को संवारने में जुट गया था। हालांकि ज्यादा शिक्षा नहीं ले पाया लेकिन हालात ने बहुत कुछ सीखïा दिया। बहुत कम उम्र में ही कपड़ा मार्केट में नौकरी से शुरूआत की। भले ही उम्र कम थी, लेकिन तर्जुबा ज्यादा था। इसके बाद धीरे-धीरे कपड़ा मार्केट में व्यापार की बारकियां सीखते हुए छोटे पैमाने पर मार्केट में किराये से दुकान लेकर व्यापार की शुरूआत की और मालिक बनने का दिन साकार हो गया।

स्वाभव में शालीनता,भाषा मे नम्रता साधे रहन सहन वाले व्यक्तिमत्व ऐसे “रवि राजपूत” जी का आज जन्मदिन है। उन्हें जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। वे अपने व्यवसाय में ऐसे ही सतत आगे बढ़े और प्रगति करे यही शुभेच्छाएँ।

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