भारत

कौन बनेगा कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष ? देश की नजर

सोनिया गांधी ने कांग्रेस को जुझारू दल में तब्दील कर दिया

राष्ट्रहित को पार्टिहित के ऊपर तरजीह देकर सोनिया ने राजनेता का गुण विकसित किया था। 24 साल से लगातार सोनिया और राहुल क्रमशः कांग्रेस अध्यक्ष पद पर रह रहे है। सरकार जबकि संकट दर संकट उलझती देखकर 1998 में सोनिया गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया। नॉशिखिया के रूप में पार्टी की कमान संभालने वाली सोनिया ने कांग्रेस को एक मुकाम पर लाकर खड़ा किया।

सोनिया भाषण देने में असमर्थता के कारण वे उपहास की पात्र हुआ करती थी। सोनिया ने मनमोहनन सिंह के दस साल के शासनकाल में राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय मामलों पर विचार विमर्श कर अगुआई भी की है। सोनिया उभरते राजनैतिक बाजार की प्रतीक थी। कांग्रेस उन्हें नही चला रही है, बल्किवे आगे बढ़कर कांग्रेस को चला रही है। सोनिया ने अध्यक्ष पद संभालने के बाद विशेषज्ञों की सलाह लेकर पार्टी में कार्य किया है। सोनिया का अध्यक्ष पद को लेकर पार्टी के अंदर विरोधाभास की स्थिति का निर्माण हुआ है। लेकिन सोनिया के अध्यक्ष पद धारण करने के बाद देश के अधिकांश राज्यो में कांग्रेस गायब थी। केवल पांच राज्यो में ही कांग्रेस सत्ता में थी। सोनिया के अध्यक्ष पद के साढ़े चार सालों में कांग्रेस 12 राज्यो में अपनी और अपने सहयोगी दलों के साथ गठजोड़ में सरकार बनाई गई थी।

अपने मुख्यमंत्रियों को सरकार चलाने की पूरी छूट देने वाली सोनिया ने लोकतांत्रिक मूल्यों को बारीकी से समझा है। कारगिल युद्ध के दौरान सोनिया ने पाकिस्तान को लताड़ लगाते हुए कहा कि पाकिस्तान से व्यापार करने वाला देश भक्त नही ,देशद्रोही होगा। सोनिया की छवि 1999 में अटलजी की सरकार गिराने के बाद बनी थी। सोनिया ने पार्टी की प्रतिष्ठा में इजाफा किया था। कांग्रेस के दिग्गज नेता सोनिया के अध्यक्ष पद से खुश है। जिसके पीछे गांधी सरनेम होता है। उसका भारत मे कंटीले मार्ग को भी सहज करने की योग्यता होती है। सोनिया गांधी ने 22 साल तक अविरत कांग्रेस अध्यक्ष की नैया खेवनहार बनी है।

राहुल के लिए अध्यक्ष पद सुनहरा अवसर लेकर आया है,लेकिन वे अध्यक्ष पद के लिए खुश नही है। भाजपा ने पिछले 24 सालों में भाजपा अध्यक्ष पद पर करीब नॉ नेताओ को कमान सौंपी है। कांग्रेस पिछले 24 सालों में गांधी परिवार के दो नेताओ को ही अध्यक्ष बनाया गया है। शुरुआती दौर में सोनिया को इंदिरा गांधी की तरह आत्मविश्वास नही था। साठ के दशक के मध्य में ड्रॉ राममनोहर लोहिया ने मजाक में इंदिरा को कहा था गूंगी गुड़िया।कुछ ही वर्षो में उस गूंगी गुड़िया ने कमाल करके बता दिया। उन्हें यथार्थपरक राजनीति की क्रूर चालों में माहिर जाने लगा। लोकसभा चुनाव में पार्टी की शर्मनाक हार के बाद 1998 में सीताराम केसरी को पार्टी अध्यक्ष पद से हटाने के बाद सोनिया ने जब से कमान संभाली है। वे कांग्रेस को साधने के प्रयास कर रही है।

शरद पवार ने पार्टी छोड़कर महाराष्ट्र में अपना संगठन बना लिया तो वहां कांग्रेस का आधार खिसक गया। सोनिया को मुलायम सिंह यादव और सुरजीत सरीखे दुःसाध्य दोस्तो निबटने में भी मुश्किले आई। लेकिन इसके बाद मुलायम सोनिया से मिलने के इच्छुक नजर आए थे। यूपी में मुलायम कांग्रेस से सहायता मांग रहै थे। अध्यक्ष पद पर बैठते ही सोनिया ने कई समितियां गठित की थी। उनका उपहास उड़ाया गया। लेकिन सोनिया ने दरअसल भारत में छाया मंत्रिमंडल बनाया। प्रधानमंत्री पद की अपनी आकांक्षा को छोड़कर राहुल को ग्रहण करने के लिए कहेगी। बीते कल की नॉसिखुआ आने वाले कल की नियति बन गई है। फिर पार्टी के अंदर कांग्रेस अध्यक्ष की कशमकश बरकरार है।

कांग्रेस के दिग्गज नेता सोनिया के अध्यक्ष पद को लेकर असंतुष्ट है। लेकिन सोनिया ने कांग्रेस के खत्म हुए जनाधार को सोनिया ने फिर से ऊपर उठाया है। पिछले कई वर्षो से कांग्रेस का जनाधार खिसकता जा रहा है। तो इसकी जवाबदेही अकेली सोनिया गांधी की नही है।कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं ने पार्टी की कम होती साख के समय हाथ मे हाथ धरकर बैठते रहे है। कांग्रेस के नेताओ और प्रवक्ताओं की भाषाशैली को सामाजिक रंग देने में कोई कसर नही छोड़ी है। कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए बेहतर विकल्प के रूप में सोनिया गांधी ही उपयुक्त रहेगी।

राहुल गांधी को अध्यक्ष पद के लिए मना भी लिया जाता है तो कांग्रेस को अपनी मंझिल तक ले जाने के लिए राहुल की इच्छा प्रबल होनी चाहिए। कांग्रेस के अनेक नामों की चर्चा है। लेंकिन राजस्थान में दो मंत्रियों के नामों की चर्चा जोरों पर है। सीडब्ल्यूसी की बैठक में अध्यक्ष पद की अंतिम मोहर लगेगी। लेकिन यह जल्दबाज़ी होगी कि 22 सालों से अध्यक्ष पद पर चली आ रही सोनिया गांधी की जगह विकल्प के तौर पर गांधी परिवार के बाहर के व्यक्ति से जनता खुश हो पाएगी?

कांतिलाल मांडोत

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button