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देव उठान एकादशी पर दिल्ली में क़रीब 40 हज़ार शादियाँ होने का अनुमान

गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य आज से शुरू हुए

दिल्ली : शादियों के सीजन के आज पहले दिन देव उठान एकादशी पर दिल्ली में लगभग 40 हज़ार शादियाँ संपन्न हुई जबकि दूसरी तरफ़ आज तुलसी विवाह भी संपन्न हुआ जिसमें भगवान श्री शालिग्राम तथा माता तुलसी का विवाह पूर्ण विधि विधान से किया गया।चार महीने के एक लंबे अंतराल के बाद दिल्ली आज दोबारा शादियों की रौनक़ से गुलज़ार हुई।

कनफ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि इस बार नवम्बर -दिसंबर में शादियों के मुहूर्त की तारीख़ें कम होने के कारण 15 दिसंबर तक लगभग 11 दिनों के शादी के ज़बरदस्त साये हैं जिसमें प्रत्येक साये में बड़ी मात्रा में शादियाँ होंगी जिसके लिये दिल्ली के सभी भागों में होटल, बैंक्वेट हाल, फ़ार्म हाउस, सार्वजनिक पार्क, कम्युनिटी सेंटर, धर्मशालाएँ सहित अन्य सभी प्रकार के सार्वजनिक स्थल बहुत पहले से ही बुक किए जा चुके हैं और शादी की तैयारियाँ लगभग पूर्ण हो चुकी हैं।

कैट के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विपिन आहूजा एवं प्रदेश महामंत्री आशीष ग्रोवर ने बताया कि शादी के लिए ज़रूरी बैंड बाजे, ढोल-ताशे,शहनाई, बारात के लिए घोड़ी, रथ एवं अन्य सजावटी वाहन, लाइट एंड साउंड,आदि भी शादी के काम के लिए आज ओवरलोड हैं वहीं कैटरिंग, क्राकरी, टेंट डेकोरेशन, फूलों की डेकोरेशन सहित ऑर्केस्ट्रा तथा संगीत के ग्रुपों, स्वागत के लिए प्रोफेशनल ग्रुपों के पास भी आज काम की भरमार है। पिछले कुछ वर्षों में इवेंट मैनेजमेंट तथा उपहारों की पैकिंग का एक नया व्यापार धीरे धीरे खड़ा हो रहा था और इस वर्ष इन दोनों व्यापारों के वर्टिकलों को भी व्यापार के बड़े अवसर मिलें हैं। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि शादियों के सीजन में कॉलेज में शिक्षा लेने वाले अथवा ग्रेजुएट विद्यार्थियों को इन दिनों में बड़ा अस्थायी रोज़गार भी मिलता है।वैसे तो शादियों के लिए ख़रीदारी पिछले दिनों से खूब हो रही है लेकिन आज दिल्ली के सभी छोटे बड़े बाज़ारों में काफ़ी भीड़ रही।

कैट के राष्ट्रीय सचिव  सुमित अग्रवाल ने बताया कि आज का दिन दिल्ली में पंडित वर्ग के लिए बहुत ही व्यस्त रहा क्योंकि आज विवाह कराने के लिए पंडितों की बड़ी माँग थी और इसीलिए आज तीन तीन समयों में शादी के विधि संस्कार हुए जिसमें मुख्य रूप से शाम को गोधूली वेला, रात्रि एवं अर्धरात्रि में शादियाँ संपन्न होंगी और इसीलिए आज बड़ी संख्या में पंडित दो या तीन शादियाँ अलग अलग मुहूर्त समय पर कराया।

कैट की ज्योतिष विज्ञान एवं वेद ज्ञान समिति के अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध वेद मर्मज्ञ आचार्य श्री दुर्गेश तारे ने बताया कि आज
आज देवप्रबोधनी एकादशी का पावन दिन है और आज से भगवान विष्णु शयन से जागें एवम चातुर्मास की समाप्ति हुई। उन्होंने बताया कि श्री हरि विष्णु के स्वरूप शालिग्राम का विवाह माता तुलसी के साथ सायंकाल में हुआ जिसमें भगवान श्री शालिग्राम की बारात धूम धाम से निकाली गई और परंपरागत रूप से बारात का स्वागत हुआ। इस विवाह में एक तरफ़ वर पक्ष होता है तथा दूसरी तरफ़ वधू पक्ष होता है। माता तुलसी का वस्त्रों एवं अन्य वस्तुओं द्वारा वधू के रूप में शृंगार होता है और फिर उसके बाद श्री शालिग्राम एवं माता तुलसी का पूर्ण विधि विधान से विवाह कराया जताया है।

श्री तारे ने बताया कि आज लोगों ने श्री विष्णु सहस्त्र नाम का पाठ किया तथा जिनको विवाह की कामना थी उन्होंने भगवान विष्णु को प्रदोष काल में दो हल्दी की गांठ अर्पित कर अपनी कामना पूर्ण करने की आराधना की ।

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