सीए पत्नी ने पति से मांगा भरण-पोषण, कोर्ट ने खारिज की अंतरिम अर्जी
सूरत। कोलकाता निवासी पति के खिलाफ भरण-पोषण याचिका दायर करने के बाद अंतरिम आदेश के लिए कोर्ट से गुहार लगाने वाली सीए पत्नी की अर्जी कोर्ट ने खारिज कर दी है।
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जब स्त्री अपना न्यूनतम जीवन भी जी नहीं सकती ऐसी अवस्था में हो, तब तत्काल सहायता करने का उद्देश्य है, लेकिन इस मामले में अर्जीकर्ता सीए है और अपनी प्रतिभा से अपना प्राथमिक न्यूनतम जीवन जी सकती है। प्रकरण के अनुसार, अडाजण निवासी सिद्धि ठक्कर (बदला हुआ नाम) ने कोलकाता निवासी पति अंशुमल चक्रवर्ती (बदला हुआ नाम) के खिलाफ सूरत फैमिली कोर्ट में अर्जी दायर कर प्रतिमाह 2.50 लाख रुपए के भरण-पोषण के लिए गुहार लगाई है।
मूल याचिका पर सुनवाई पूरी होने में लंबा समय लग सकता है इस वजह से याचिकाकर्ता ने कोर्ट में अंतरिम अर्जी दायर कर अंतरिम आदेश जारी करने की मांग की थी। जिसमें सिद्धि ने बताया कि पति प्रतिमाह 25 से 30 लाख रुपए कमाता है, इसके बावजूद पति के तौर पर कोई जिम्मेदारी नहीं निभाई है और भरण-पोषण की भी कोई व्यवस्था नहीं की है। वहीं, अधिवक्ता सोनल शर्मा ने पति की ओर से कोर्ट में पेश होकर पैरवी की। सोनल शर्मा ने पत्नी सीए होने के साथ उसकी आय के प्रमाण भी कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किए और दलीलें पेश कर अंतरिम भरण-पोषण मांग अर्जी खारिज करने की मांग की।
अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने अधिवक्ता सोनल शर्मा की दलीलों और पत्नी की आय को लेकर पेश हुए दस्तावेजों और साक्क्ष्य को ध्यान में रखते हुए पत्नी की अंतरिम भरण-पोषण अर्जी नामंजूर कर दी।



