प्रादेशिक

उदयपुर के गोगुन्दा तहसील में घटकर कोरोना मरीज पहुँचे 16 पर, ग्रामीणों ने ली राहत की सांस

उदयपुर (कांतिलाल मांडोत) राजस्थान सरकार के निर्देशन पर कोरोना को मात देने के लिए बरते गए एहतियात के कदम से कोरोना कमजोर पड़ता जा रहा है। उदयपुर में सकारात्मक नतीजे सामने आए है। गोगुन्दा में भी कोरोना मरीजो की संख्या कम हुई है। उदयपुर ही नही उदयपुर जिले के आंकड़ों पर नजर डाले तो कोरोना की संख्या घटती जा रही है। कोरोना के मरीज घट रहे है। सायरा चिकित्सा अधिकारी आर एल मीणा ने बताया कि आज गोगुन्दा और सायरा में कुल कोरोना मरीज 16 पाए गए है। उदयपुर में मृत्यु दर भी घटी है। यह सकारात्मक नतीजे है जो हमारे लिए शुभ संकेत है। यह बदलाव कोरोना की गाइडलाइन और लोकडाउन का ही परिणाम है। कोरोना संक्रमण नियन्त्रण में है। उदयपुर नगर निगम द्वारा कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नही करने वालो पर सख्त है। निगम द्वारा जुर्माना वसूला जा कर रहा है।

कोरोना महामारी का असर ताने बाने पर पड़ने लगा है। नतीजतन,इसके कई रंग सामने आने लगे है।कही रिस्तो की डोर कमजोर होती दिख रही है,तो कही जाति, धर्म-सम्प्रदाय का बंधन तोड़ मानवता अपने वजूद का अहसास भी करा रही है।कही बेटा बेटी कोरोना पीडि़त बाप के शव को छोड़कर भाग रहे है तो दूसरी तरफ कोरोना संक्रमितों की पीड़ा को अपना दर्द समझ अपने खर्च पर उनके घर तक खाना पहुँचा रहा है। एक और जहाँ सांसो की खरीद फरोख्त हो रही है ,तो दूसरी तरफ कोई ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर जरूरतमंद की पुकार पर उसके घर पहुँच रहा है। देश मे कोविड अभी भी मौजूद है स्थिरता की अंतिम स्थिति का इंतजार करना पड़ेगा। सरकार का रुझान है कि राज्यो में स्थिरता के रुझान स्पष्ट होने लगे है।

 

गोगुन्दा सायरा सड़क लोकडाउन की वजह से सुनसान

गोगुंदा में 10 मई से कमी देखी जा रही है।गोगुंदा के आदिवासी बेल्ट में भी संक्रमण फैलने से चिंता काफी बढ़ गई है। लिहाजा, इस दु:ख के समय मे परिवार से जुड़ कर रहे। परिवार एक बंधन है और लंबे समय तक चलने वाला रिस्ता है। आप दुनिया से किनारा कर सकते है,लेकिन एक खून के रिस्ते को जुठला नही सकते है। यह वो समय है जो आपके परिवार की सहानुभूति हासिल की जा सकती है। आप अपने परिवार की सेवा कर सकते है।घर मे कोरोना मरीज है तो उससे घृणा नही करके इस संकट की घड़ी में उसको मदद करनी है।

वो आप का ही अंश है।पानी पर थपेड़ा मार कर अलग नही किया जा सकता है। वो आप के परिवार और आप ही के घर का एक सदस्य है। दु:ख के बाद सुख आता है।यह समय भी गुजर जाएगा,लेकिन आप ने दु:ख के समय में अपनों के लिए काम आए है वो जिंदगी भर भुलाया नही जा सकता है। गांवो और ढाणियों तक कोरोना पहुंच गया है। गांवो में संक्रमण को रोकने के लिए टीकाकरण की रफ्तार को बढ़ाया जाना चाहिए। दो माह पहले गांवो में चार से सात प्रतिशत कोरोना मरीज थे,लेंकिन अब संक्रमण बढ़ रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button