सूरत : लिंबायत में दिखी कौमी एकता की मिसाल, लोग मिलकर मना रहे गणेश उत्सव
चाहे हिंदू हो चाहे मुसलमान सभी त्योहारों को एक साथ मिलकर मनाया जाता है
सूरत का लिंबायत क्षेत्र मिनी भारत के नाम से भी जाना जाता है। लिंबायत क्षेत्र में महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश, तेलंगना समेत सभी राज्यों के लोग लंबे समय से बसे हुए है। लिंबायत महाराष्ट्रीयन समाज और मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है। लिंबायत में सभी लोग सर्व धर्म की भावना अपनाते हुए व लोग कौमी एकता की मिसाल को कायत करते हुए एक दूसरे के धार्मिक कार्यक्रमों में शरीक होकर उत्साह उमंग के साथ् मनाते है। चाहे हिंदू हो चाहे मुसलमान सभी त्योहारों को एक साथ मिलकर मनाया जाता है। लिंबायत क्षेत्र में कौमी एकता की मिसाल देखने को मिली है, जहां गणेश पंडाल में हिंदु और मुसलमानों ने मिलकर श्रीजी की आरती की।
बता दें कि कुछ दिन पहले सूरत में कुछ असामाजिक बदमाशों द्वारा गणेश पंडाल पर पथराव कर आपसी वैमनस्य और शहर की शांति भंग करने का प्रयास किया गया था। शहर में सभी समाजों के बीच के सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश के बाद ईद-ए-मिलाद के 1 दिन पहले ही लिंबायत ग्रुप द्वारा मार्कंडेश्वर चौक, लिंबायत प्रताप नगर के पास लिंबायत का राजा गणपति में सत्यनारायण कथा का कार्यक्रम आयोजित किया गया। लिंबायत में सांप्रदायिक एकता बनाने के लिए तेलुगु समुदाय द्वारा एक सुंदर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। सत्यनारायण पूजा के दौरान हिंदू – मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक साथ आकर कौमी एकता की मिसाल दी। लिंबायत क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए प्रत्येक समुदाय के लोग अपने-अपने तरीके से योगदान दे रहे हैं।
गणेश विसर्जन यात्रा और ईद-ए-मिलाद का जूलुस को लेकर बरती जा रही सर्तकता
हिंदूओं का गणेशजी का विजर्सन यात्रा और 16 को मुस्लिम समाज का ईद-ए-मिलाद का जुलूस में कोई भी आपसी सौहार्द बिगाड़ने वाली अप्रिय घटना नहीं घटे इसलिए पुलिस प्रशासन के साथ साथ हिंदू – मुस्लिम अग्रणी भी अहम भूमिका निभा रहे है। पिछले दिनों पुलिस प्रशासन और सभी समाजों के अग्रणियों के बीच बैठक भी हुई थी। जिसमें कौमी एकता बनाए रखने पर जोर दिया गया था। आज के कार्यक्रम में तेलुगु समाज के अग्रणी रापोलु बुचीरामुलु, एडवोकेट वेलदी सागर, अनिल सोनकुसरे, देवीदास पाटिल और मुस्लिम समुदाय के अग्रणी नासिर सीमेंट वाला और केसर अली पीरजादा ने कहा कि सभी धर्म का सम्मान कर आपसी भाईचारा बना रहे और एकदूजे के त्योहार में शामिल होकर कौमी एकता की मिसाल देने चाहिए।
हिंदू- मुस्लिम समाज के अग्रणी हुए शामिल
कार्यक्रम में लिंबायत के पीआई सहदेव पढेरिया, दासरी श्रीनिवास, रापोलु बुचिरामुलु, गोने सोमैया, अडीगोपुला सत्यनारायण, वेनम श्री रामुलु, पामु श्रीनिवास, गणेश सिरमल्ला, लक्ष्मीनारायण सादुला, युवक मंडल के टिंकू झा, रमेश दुडुका, गौरी महेश, सागर गरदास, बाबू गंजी, वेंकटेश चेलुंमल्ला, दिव्येश चंदनकर और मुस्लिम समाज के हाजी चिनुभाई, ताहेर सैयद, राजीक शेख, वसीम शेख, नवाब देशमुख, कलूखान, इमामभाई, जे.सी. राज, लालखान पठान, अकबर पठान, रफीक लाकडावाला, भूराभाई दलाल, अकबर पठान और जहीर पठान आदि शामिल हुए।