
सूरत : सूरत महानगर पालिका ने दम घुटने से मरने वाले सफाई कर्मचारियों के परिवारों को दिए 30 लाख रुपये के चेक
मनपा ने 1993 से अब तक सभी मामलों में 100 प्रतिशत सहायता देकर मानवता की मिसाल कायम की
सूरत। द प्रोहिबिबिशन ऑफ मैनुअल स्कैवेंजर एन्ड रीहेबिलिटेशन अधिनियम-2013 तथा सर्वोच्च न्यायालय के मार्गदर्शक निर्णयों के अनुसार राज्य सरकार ने आदेश दिया है कि सभी नगर पालिकाओं एवं महानगर पालिकाओं में गटर एवं कुए की सफाई करते समय दम घुटने से मरने वाले सफाईकर्मियों के परिवारों को एक निश्चित राशि सहायता राशि के रूप में दी जाए। राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग, राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम तथा गुजरात राज्य सफाई कर्मचारी विकास निगम-गांधीनगर के मार्गदर्शन में सूरत महानगरपालिका ने गटर में दम घुटने से मरने वाले सभी सफाई कर्मचारियों के उत्तराधिकारियों को सहायता प्रदान करने का शुभ कार्य पूरा कर लिया है।
सुप्रीम कोर्ट श्वेत याचिका (सिविल) डॉ. बलरामसिंह बनाम भारत संघ एवं अन्य प्रकरण के आदेश दिनांक 20 अक्टूबर 2023 के अनुसार सहायता राशि बढ़ाकर 30 लाख रूपये कर दी गई। राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई सूची के अनुसार सूरत महानगरपालिका क्षेत्र में 1993 से अब तक सफाई कर्मचारियों की कुल 20 मौतें दर्ज की गई हैं। मनपा ने समय-समय पर सर्वेक्षण किए गए लोगों के परिवारों को सहायता राशि का भुगतान किया है।
मनपा द्वारा सफाई कर्मचारी लक्ष्मीबेन के उत्तराधिकारी सुरामोनी चंद्रप्पा को 15 लाख और सुरामोनी गोविंदम्मा को 15 लाख कुल 30 लाख रूपयों की सहायता का चेक महापौर, उप महापौर, सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं और महापौर निधि समिति के सदस्यों द्वारा दिया गया। मनपा के प्रतिनिधियों ने मृतक के परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की तथा उन्हें आश्वासन दिया कि वित्तीय सहायता से उन्हें आजीविका मिल सकेगी।
उल्लेखनीय है कि सूरत महानगरपालिका राज्य का एकमात्र मनपा है जिसने इस संबंध में 100 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया है, तथा 1993 से अब तक सभी प्रासंगिक मामलों में सहायता का भुगतान सफलतापूर्वक पूरा किया है।