सूरत महानगरपालिका स्कूल के शिक्षक अब शवों की गिनती करेंगे
सूरत में कोरोना के कारण हालत बहुत गंभीर हो गई है और रोजाना मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही हैं। जिसके कारण महानगरपालिका के कर्मचारियों और नगर प्राथमिक शिक्षा समिति के शिक्षकों को एक नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। शिक्षकों को श्मशान में 24 घंटे ड्यूटरी करके शवों की गिनती करनी होगी। सूरत में कोरोना के कारण मरनेवाले मरीज और कोरोना गाइड लाइन के मुताबिक बुर्जुंगों के हुए अंतिम संस्कार के आंकड़ों में विसंगता है। इसको लेकर विवाद होने पर अब महानगरपालिका ने श्मशान गृहों में कर्मचारियों को ड्यूटी लगाने का फैसला किया है।
महानगरपालिका ने गुरूवार को एक परिपत्र जारी कर शिक्षकों को कन्टेन्टमेन्ट जोन में नियम का पालन नहीं करने वालों पर निगरानी रखने जिम्मेदारी सौंपी थी। इसके बाद गुरूवार को एक और जिम्मेदारी दे दी गई है। अब से स्कूल के शिक्षको को श्मसानगृह पर मृतदेहों की संख्या गिनने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। 8-8 घंटे की तीन शिफ्ट में शिक्षकों को ड्यूटी करनी होगी। महानगर पालिका के कर्मचारी और शिक्षकों को श्मशानगृहों में ड्यूटी लगाए जाने से विवाद खड़ा हुआ है। सूरत के श्मशान में कोरोना गाइड लाइन के मुताबिक कई मृतदेहों का अंतिम संस्कार हो रहा है, ऐसे में यहां पर कार्यरत कर्मचारियों को संक्रमण होने का डर सता रहा है। सूरत महानगरपालिका कर्मचारी और नगर प्राथमिक शिक्षण समिति के शिक्षकों को राउंड ध क्लॉक 24 घंटे श्मशान में ड्यूटी करनी होगी।
गौरतलब है कि कोरोना के दौरान शिक्षकों को धन्वंतरी रथ के साथ जाना,सर्वे करना, अनाज वितरण करना, सहित अलग-अलग कार्यो में शिक्षकों को जिम्मेदारी सौंपी गई थी।