
सूरत। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को 2 अप्रैल 2025 को दुनिया भर के देशों को लक्षित करते हुए टैरिफ की घोषणा की, जिससे वैश्विक व्यापार प्रभावित हो सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत पर 27 प्रतिशत ‘डिस्काउन्टेड रेसीप्रोकल टैरिफ’ की घोषणा की है। इस संबंध में द सदर्न गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने भारत के केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मांग की है कि रेसीप्रोकल टैरिफ के कार्यान्वयन को ध्यान में रखते हुए अमेरिका के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) किया जाए और जेम्स एन्ड ज्वेलरी और कपड़ा उद्योगों के लिए टैरिफ पर तत्काल सब्सिडी प्रदान की जाए।
इस संबंध में चैंबर अध्यक्ष विजय मेवावाला ने बताया कि यूं तो अमेरिकी बाजार आयात पर निर्भर करता है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगली तिथि 9 अप्रैल 2025 से भारत सहित विश्व भर के विभिन्न देशों पर पारस्परिक टैरिफ लागू करने की घोषणा की है। इस घोषणा के बाद भारत से अमेरिका में आने वाले विभिन्न सामानों पर 27 प्रतिशत का अतिरिक्त कर लगाया जाएगा, जो पहले से लागू टैरिफ के अतिरिक्त है। इस पारस्परिक टैरिफ से संबंधित आदेश के अनुसार यह टैरिफ तब तक प्रभावी रहेगा जब तक कि अमेरिका द्वारा व्यापार संतुलन बनाए रखने के लिए फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) पर हस्ताक्षर नहीं कर दिए जाते। इससे भारत को अमेरिका के साथ अधिक अनुकूल व्यापार समझौते पर बातचीत करने का अवसर मिलेगा, जो इन नए शुल्कों के प्रभाव को कम कर सकता है।
उपरोक्त संदर्भ में यह अनुमान लगाया गया है कि भारत जेम्स एन्ड ज्वेलरी क्षेत्र में कुल 2.72 लाख करोड़ रुपये का निर्यात करता है। भारत से इस उद्योग का लगभग 35 प्रतिशत माल अकेले अमेरिका को निर्यात किया जाता है और दक्षिण गुजरात जेम्स एन्ड ज्वेलरी के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में जाना जाता है, जो देश के 90 प्रतिश जेम्स एन्ड ज्वेलरी का उत्पादन करता है और इस उद्योग में लगभग 2 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है। इसके अतिरिक्त, भारत के कुल टेक्सटाइल निर्यात का 28 प्रतिशत अकेले अमेरिका को निर्यात किया जाता है।
दक्षिण गुजरात को एमएमएफ टेक्सटाइल का महत्वपूर्ण केंद्र
दक्षिण गुजरात को एमएमएफ टेक्सटाइल के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में जाना जाता है, जो देश में उत्पादित एमएमएफ उत्पादों का 60 प्रतिशत उत्पादन करता है, इसलिए पारस्परिक टैरिफ का इन दोनों उद्योगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। चूंकि ये उद्योग भारत के प्रमुख निर्यात क्षेत्र हैं और भारत में लाखों लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं, इसलिए भारत सरकार द्वारा केंद्रीय मंत्री से इन उद्योगों को तत्काल आधार पर टैरिफ सब्सिडी प्रदान करने का अनुरोध किया गया है।