शिक्षा-रोजगार

मनपा शिक्षकों ने कविता पाठ और मुशायरा से जीता लोगों का दिल

मुंबई। ‘बृहन्मुंबई मनपा शालाओं में भी इतने बड़े कवि और शायर हैं यह देखकर हृदय गदगद हो गया। राष्ट्रीय स्तर के कवि और शायरों ने जिस तरह का प्रस्तुतीकरण किया, मैं वादा करता हूं कि अब इस तरह का कवि सम्मेलन और मुशायरा प्रति वर्ष आयोजित किया जाएगा।’ ये विचार हैं बृहन्मुंबई मनपा के शिक्षणाधिकारी राजेश कंकाल के।

श्री कंकाल त्रिवेणी संगम सभागार,करीरोड, मुंबई में शिक्षण विभाग द्वारा आयोजित मुशायरा-कवि सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने अपनी स्वरचित कविता सुनाकर खचाखच भरे सभागार को भाव विभोर कर दिया। दूसरे शिक्षणाधिकारी राजू तडवी ने भी कविता सुनाकर खूब वाहवाही बटोरी।

इससे पूर्व कार्यक्रम के संयोजक मनपा अधीक्षक निसार खान ने कहा कि, ‘हमारी बीएमसी के अनेक शिक्षक हैं जो देश भर में अपनी कविताओं और शायरी से खूब सम्मान पा रहे हैं मगर हमारे अधिकारियों को पता ही नहीं है कि ऐसे व्यक्तित्व हमारे विभाग में भी हैं। मैं चाहता था कि ऐसे लोगों का सम्मान हमारे बड़े अधिकारियों के कर कमलों से हो। बस इसी उद्देश्य को लेकर हमने इसका आयोजन किया ‘।

कार्यक्रम का उत्कृष्ट संचालन किशन पावडे पाटिल ने किया। इस कवि सम्मेलन में पाठ करने के लिए बीएमसी के ही शिक्षकों -शिक्षिकाओं को अनुमति थी। लगभग सत्तर लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था, मगर सर्वश्रेष्ठ नौ लोगों को काव्य पाठ करने के लिए चयनित किया गया। तीन मराठी कवि,तीन उर्दू शायर और तीन हिंदी कवियों ने काव्यपाठ किया। कस्तूरबा क्रास रोड हिंदी शाला बोरीवली पूर्व के मुख्याध्यापक सुरेश मिश्र ने अपनी हास्य कविताओं से श्रोताओं को लोट पोट कर दिया।

हिंदी में श्रीमती भारती श्रीवास्तव, श्रीमती पूर्णिमा पांडेय, मराठी में एकनाथ आह्वाड, विद्या प्रभू, अरविंद पवार और उर्दू में मकसूद आफाक, मोहसिन साहिल,वसीम अकील शाह ने खूब वाहवाही लूटी। अतिथि के रूप में पधारे पूर्व उपशिक्षणाधिकारी रवीन्द्र काले सर ने भी अपनी कविता सुनाई।

इस अवसर पर उप शिक्षणाधिकारी श्रीमती सुजाता खरे, अजय वाणी, श्रीमती ममता राव, अधीक्षक अशोक मिश्र, मुख्तार शहा, निसार खान, प्रशासकीय अधिकारी किशन पावडे पाटिल, विजय जाधव, श्रीमती नसरीन, बीओ श्रीमती आरिफा शेख,अश्फाक शाह, विश्वास रोकड़े उर्दू के बड़े शायर डाक्टर ज़ाकिर खान, यूसुफ दीवान, हामिद इकबाल सिद्दीकी सहित तमाम बड़े अधिकारी,शायर और कवि उपस्थित थे। कवि सम्मेलन के बाद कवियों और शायरों का शिक्षणाधिकारी ने प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया।

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