धर्म- समाज

श्री आदिनाथ प्रभु के जन्मोत्सव पर सूरत के सभी पुलिस विभागों में लाडवा-प्रसाद का वितरण

सूरत। सूरत में वेसु जैन संघ के आगमोधदारक धानेरा आराधना भवन में प्रथम तीर्थंकर श्री आदिनाथ प्रभु के जन्मोत्सव में एक अनूठा कार्यक्रम सागरचंद्रसूरिजी के निश्रा में आयोजित किया गया। दादा आदिनाथ ने धर्म की स्थापना से पहले राज्य व्यवस्था दी। जीवन शैली, कला, शिल्पकला और नीति का ज्ञान दिया और प्रथम राजा के रूप में 83 लाख पूर्व तक महत्वपूर्ण कर्तव्य निभाया। प्रभु की स्मृति में सूरत पुलिस विभाग के कई विभागों-डीएसपी, एसीपी, कंट्रोल रूम, ट्रैफिक ब्रिगेड, जेल ब्रिगेड आदि के अधिकारी, जो वर्तमान सुरक्षा व्यवस्था के प्रभारी वेसु उपाश्रय आए थे।

दीप जलाने के बाद सागरचंद्रसूरिजी ने कहा कि चाहे कृष्ण हों या आदिनाथ – लेकिन वे भगवान के बाद थे, पहले राजा थे। राज्य व्यवस्था में सुरक्षा विभाग अत्यंत आवश्यक है। वही सच्चा पुलिसकर्मी है जो समाज में खोए हुए संस्कारों को खोजता है। यदि किसी राज्य की स्थापना करनी है तो दुष्टों को दण्ड देना और सद्गुणों का आदर करना आदर्श वाक्य होना चाहिए। सत्य सर्वश्रेष्ठ ईश्वर है। पी-पावर, ओ-ऑर्गेनाइजेशन, एल-लीडरशिप, आई-आइडिया, सी-कंट्रोलिंग, ई-इफेक्टिवनेस पुलिस के गुण बताए गए।

इस अवसर पर डीएसपी सरोज कुमारी व अन्य को अशोकभाई कानूनगो आदि ने सम्मानित किया। सूरत के 7000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को लाडवा में बांटा गया। अशोक मेहता व वेसू संघ के ट्रस्टी भी हर्षोल्लास से शामिल हुए।

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