धर्म- समाज

इस समिति ने विदेशों में भी भारतीय संस्कृति का बजाया डंका, वनवासी क्षेत्रों में बनाए 4 हजार कथाकार

श्रीहरि सत्संग समिति का रजत जयंती महोत्सव 6-7 मार्च को

श्रीहरि सत्संग समिति को इस वर्ष 25 वर्ष पूरे हो गए है। अत: इस वर्ष पूरे भारत में रजत जयंती समारोह मनाया जाएगा। रजत जयंती समारोह का उदघाटन समारोह 6 और 7 मार्च को दिल्ली में होने जा रहा है। महोत्सव का आयोजन दिल्ली में वर्चुअल होगा।

वार्ता के दौरान श्रीहरि सत्संग समिति के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष महेश कुमार मित्तल ने बताया की दो दिवसीय रजत जयंती महोत्सव दौरान भारत के संग एकल के रंग कार्यक्रम का विशेष रूप से आयोजन किया जायेगा और इसमें वनवासी अंचल के कथाकरों एवं कलाकारों द्व्रारा भारतीय संस्कृति के कई रंग पिरोकर अनेकों कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे। यह कथाकार एवं कलाकार गत समय में अमेरिका के दर्जनों शहरों में भी भारतीय संस्कृति की अनूठे ढंग से प्रस्तुति देकर डंका बजा चुके है।

आज तक वनवासी युवक-युवतियों को अयोध्या, वृंदावन में करीबन 9 माह तक प्रशिक्षण देकर कथाकार बनाते है। अभी तक 4 हजार वनवासी कथाकार बनाए गए हैं, जो पिछले 25 सालों से वनवासी क्षेत्रों में राम-कृष्णा की कथाये कर लोगों को संगठित कर रहे है।

7 मार्च को शाम दीदीमाँ साध्वी ऋतम्भरा का उद्बोधन रहेगा एवं इस मौके पर एकल अभियान के संस्थापक श्याम गुप्त सहित अन्य पदाधिकारी एवं मेहमान उपस्थित रहेंगे। इसका प्रसारण भी सुभारती चैनल एवं सोशल मीडिया पर होगा। पत्रकार वार्ता में श्रीहरि सत्संग समिति के 25 वर्षों में किए गए वनवासी क्षेत्रों में सामाजिक, धार्मिक कार्यक्रमों की जानकारी दी गयी एवं समिति की भावी योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया।

इस दौरान श्रीहरि सत्संग समिति, सूरत के अध्यक्ष रतनलाल दारूका, मंत्री रमेश अग्रवाल, कोषाध्यक्ष विश्वनाथ सिंघानिया, अखिल भारतीय मकर संक्रांति प्रमुख मंजू मित्तल तथा श्रीहरि महिला समिति की विजयलक्ष्मी गाडिय़ा, कांता सोनी, प्रेरणा भाऊवाला, कुसुम सर्राफ आदि मौजूद रहें।

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